क्या अमेरिका-वेनेजुएला तनाव के कारण सोने-चांदी में तेजी आई?
सारांश
Key Takeaways
- सोने की कीमत 1,38,381 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंची।
- चांदी की कीमत 2,16,596 रुपए प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची।
- अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव ने निवेशकों को सुरक्षित संपत्तियों की ओर धकेला।
- इस वर्ष सोने की कीमतों में लगभग 76 प्रतिशत और चांदी में 140 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- विशेषज्ञों का कहना है कि यह भू-राजनीतिक तनाव का प्रभाव है।
नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन, मंगलवार को सोने और चांदी की कीमतों में 1 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखने को मिली, जिसके चलते दोनों कीमती धातुएं अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। इसका प्रमुख कारण विश्व में बढ़ता तनाव, विशेषकर अमेरिका और वेनेजुएला के बीच विवाद है, जिससे निवेशक सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में सोना और चांदी खरीदने लगे हैं।
एमसीएक्स पर फरवरी कॉन्ट्रैक्ट वाला सोना 1.2 प्रतिशत बढ़कर 1,38,381 रुपए प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। खबर लिखे जाने तक (दोपहर लगभग 12:51 बजे) यह 1,588 रुपए या 1.16 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,38,332 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था।
चांदी की कीमत 1.7 प्रतिशत बढ़कर 2,16,596 प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। खबर लिखे जाने तक यह 2,547 रुपए यानी 1.20 प्रतिशत की तेजी के साथ 2,15,419 रुपए प्रति किलोग्राम पर थी।
इस सत्र के दौरान डॉलर इंडेक्स में लगभग 0.20 प्रतिशत की गिरावट आई। डॉलर के कमजोर होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना अन्य देशों की मुद्राओं में सस्ता हो गया, जिससे इसकी मांग में वृद्धि हुई।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव के कारण विश्व में अनिश्चितता बढ़ी है, जिससे सोने और चांदी की कीमतों को मजबूती मिली है।
कई रिपोर्ट्स के अनुसार, इस महीने अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने वेनेजुएला का तेल ले जा रहे एक सुपर टैंकर को जब्त कर लिया था। इसके अलावा, सप्ताहांत में वेनेजुएला से जुड़े दो और जहाजों को रोकने का प्रयास किया गया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया।
मेहता इक्विटीज के कमोडिटीज उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव में वृद्धि के बीच छुट्टियों की वजह से छोटे कारोबारी हफ्ते की शुरुआत में ही सुरक्षित निवेश की ओर रुझान देखने को मिल रहा है, जिससे सोने और चांदी की मांग में बढ़ोतरी हो रही है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका-वेनेजुएला तनाव के अलावा रूस के एक सेना अधिकारी की बम धमाके में मृत्यु जैसी घटनाओं ने भी विश्व में डर और अनिश्चितता को बढ़ाया है, जिससे कीमती धातुएं और मजबूत हुईं।
अमेरिका में महंगाई कम होने और जापान के केंद्रीय बैंक की बैठक से कोई बड़ा झटका न मिलने के कारण भी सोने और चांदी की कीमतों को सहारा मिला।
विशेषज्ञों के अनुसार, सोने को 1,35,550 से 1,34,710 रुपए के बीच समर्थन मिल सकता है, जबकि रुकावट का स्तर 1,37,650 से 1,38,470 रुपए तक के बीच में है।
चांदी को 2,11,150 से 2,10,280 रुपए के बीच समर्थन मिल रहा है, जबकि रुकावट 2,13,810 और 2,14,970 रुपए के स्तर पर है।
केंद्रीय बैंकों द्वारा अधिक खरीद, अमेरिका में ब्याज दरों में संभावित कमी, अमेरिकी करों को लेकर चिंता, अंतरराष्ट्रीय तनाव और गोल्ड-सिल्वर ईटीएफ में मजबूत निवेश ने इस वर्ष सोने और चांदी की कीमतों को बढ़ावा दिया है।
घरेलू स्तर पर सोने की कीमतों में साल भर में लगभग 76 प्रतिशत और अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 70 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है, जो 1979 के बाद का सबसे अच्छा साल माना जा रहा है।
चांदी की कीमतों में भी देश और विदेश दोनों जगह लगभग 140 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।