क्या गोपाल खेमका हत्याकांड ने बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं?

सारांश
Key Takeaways
- गोपाल खेमका की हत्या ने बिहार में हड़कंप मचाया है।
- राजनीतिक प्रतिक्रिया तेज हुई है।
- जीतन राम मांझी ने अपराधियों को पकड़ने का आश्वासन दिया।
- कानून व्यवस्था पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं।
- बिहार सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया।
पटना, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार की रात बिजनेसमैन गोपाल खेमका की हत्या कर दी गई, जिससे पूरे शहर में हड़कंप मच गया। इस घटना ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है और व्यापारियों में नाराजगी का माहौल है। विपक्ष ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए नीतीश कुमार की सरकार पर आरोप लगाए हैं। वहीं, इस मुद्दे पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने विपक्ष पर पलटवार किया।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि गोपाल खेमका की हत्या एक दुखद घटना है। बिहार सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है और इसकी जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। घटनास्थल से सीसीटीवी फुटेज भी बरामद किया गया है।
उन्होंने कहा कि गोपाल खेमका के हत्यारे जल्द ही पकड़े जाएंगे और सख्त कार्रवाई की जाएगी। जीतन राम मांझी ने विपक्ष को करारा जवाबजंगलराज की बात कर रहे हैं, वे खुद उस स्थिति को देख चुके हैं। इस सरकार में तुरंत कार्रवाई की जाती है। एक अणे मार्ग पर पंचायतें नहीं होतीं, जो उनके राज में होती थीं। एक अणे मार्ग सीएम नीतीश कुमार का सरकारी आवास है।
इससे पहले, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता मृतुंजय तिवारी ने पटना में व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या पर दुख जताते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है और अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। बिहार की भलाई के लिए सरकार की विदाई में ही है। राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और सरकार को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।