क्या गोरेगांव में युवा की चोर समझकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई?

सारांश
Key Takeaways
- गोरेगांव में हुई हत्या ने कानून को अपने हाथ में लेने की प्रवृत्ति को उजागर किया है।
- पुलिस ने समय पर कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- यह घटना मानवता के खिलाफ एक गंभीर अपराध है।
मुंबई, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के गोरेगांव क्षेत्र में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है। युवक को चोर समझकर कुछ लोगों ने उसे बेरहमी से मारा। पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान 26 वर्षीय हर्षल परमा के रूप में हुई है।
यह घटना तब घटी जब हर्षल किसी काम से गोरेगांव के एक क्षेत्र से गुजर रहा था। इसी दौरान, कुछ व्यक्तियों ने उस पर चोरी का संदेह किया। बिना किसी ठोस सबूत के, उन्होंने उसे पकड़ लिया और बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। पुलिस ने कहा कि पिटाई इतनी भयानक थी कि युवक की स्थिति गंभीर हो गई। घायल अवस्था में उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने स्वयं को 'मोहल्ला सुरक्षा दल' का सदस्य बताया, जो इलाके में संदिग्ध लोगों पर नजर रखते हैं। जब गोरेगांव पुलिस को इस घटना की सूचना मिली, तो उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया।
गोरेगांव पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान सलमान मोहम्मद खान, इसामुल्ला खान, गौतम और राजीव गुप्ता के रूप में की गई है। सभी को हत्या और मारपीट के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, "आरोपियों ने युवक को चोर समझकर उसकी जांच-पड़ताल किए बिना ही बुरी तरह पिटाई की। गंभीर चोटों के कारण युवक की मौत हो गई।"
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि हर्षल परमा पर चोरी का संदेह क्यों उत्पन्न हुआ। पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उस समय हर्षल वहां क्या कर रहा था और हमला कैसे शुरू हुआ। साथ ही, पुलिस यह भी देख रही है कि क्या इस घटना के पीछे कोई पुरानी रंजिश थी।
कुछ स्थानीय निवासियों ने कहा कि कानून को अपने हाथ में लेना अत्यंत गलत है। किसी पर संदेह के आधार पर इतनी क्रूरता से मारना मानवता के खिलाफ है। फिलहाल पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की जांच जारी है।