क्या फ्लैट्स की रजिस्ट्री में देरी पर कार्रवाई हो सकती है? : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

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क्या फ्लैट्स की रजिस्ट्री में देरी पर कार्रवाई हो सकती है? : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

सारांश

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बिल्डरों को चेतावनी दी है कि यदि वे लंबित फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं कराते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण ने 1,431 फ्लैट्स की रजिस्ट्री को लेकर सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है। जानें पूरी जानकारी!

Key Takeaways

  • बिल्डरों को रजिस्ट्री में देरी नहीं करनी चाहिए।
  • प्राधिकरण ने कार्रवाई की चेतावनी दी है।
  • 1,431 फ्लैट्स की रजिस्ट्री लंबित है।
  • खरीदारों के अधिकारों की सुरक्षा आवश्यक है।
  • पारदर्शिता और विश्वास की बहाली की जरूरत है।

ग्रेटर नोएडा, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सभी बिल्डरों को सख्त चेतावनी दी है कि वे जल्द से जल्द लंबित फ्लैट्स की रजिस्ट्री कराएं, अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

गुरुवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एसीईओ) सौम्य श्रीवास्तव ने क्रेडाई और अन्य बिल्डरों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस बैठक में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए।

यह बैठक उन बिल्डर परियोजनाओं से संबंधित थी, जिन्हें केंद्र सरकार की अमिताभ कांत समिति से विशेष लाभ मिला है। इन नौ परियोजनाओं में 1,431 फ्लैट्स की रजिस्ट्री अभी तक नहीं हुई है, जबकि संबंधित बिल्डरों ने प्राधिकरण को बकाया राशि चुका दी है और प्राधिकरण ने उन्हें ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) और रजिस्ट्री की अनुमति भी दे दी है। फिर भी, फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री लंबित है।

बैठक में एसीईओ श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि यदि बिल्डर समय पर रजिस्ट्री नहीं कराते हैं तो उन्हें अमिताभ कांत समिति से प्राप्त छूट वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई खरीदार जानबूझकर रजिस्ट्री नहीं करवा रहा है, तो उसे अंतिम नोटिस भेजकर आवंटन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाए।

बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बिल्डर विभाग की प्रबंधक स्नेहलता, क्रेडाई के महासचिव निखिल हवेलिया और मनीष गुप्ता सहित अन्य बिल्डर प्रतिनिधि उपस्थित थे।

प्राधिकरण ने एक सूची जारी की है जिसमें सभी बिल्डरों और उनसे संबंधित रजिस्ट्री की जानकारी शामिल है। इसमें विहान डेवलपर्स, सेक्टर-1 में 83 रजिस्ट्री, डोमस ग्रीन, जीटा-1 में 196, निराला प्रोजेक्ट, सेक्टर-2 में 137, कैपिटल इंफ्राटेक, सेक्टर-1 में 244, महालक्ष्मी इंफ्राहोम, ओमीक्रॉन-3 में 125, पूर्वांचल प्रोजेक्ट, चाई फोर में 94, एम्स गोल्फ टाउन डेवलपर्स, सेक्टर-4 में 285, एसजेपी इंफ्राकॉन, सेक्टर-16 बी में 99 और रुद्रा बिल्डवेल कंस्ट्रक्शन, सेक्टर-16 में 168 रजिस्ट्री लंबित है।

अब तक 2,841 फ्लैटों की रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है, लेकिन 1,431 फ्लैटों की प्रक्रिया अभी लंबित है। प्राधिकरण ने इस प्रक्रिया को शीघ्र निपटाने के लिए सख्त संकेत दिए हैं, ताकि खरीदारों को उनका हक मिल सके और शहर के रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और विश्वास की बहाली हो सके।

Point of View

यह स्पष्ट है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का यह कदम रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और खरीदारों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। बिल्डरों को समय पर रजिस्ट्री कराने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए ताकि खरीदारों को उनका हक मिल सके।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

ग्रेटर नोएडा में रजिस्ट्री की प्रक्रिया क्या है?
ग्रेटर नोएडा में रजिस्ट्री की प्रक्रिया में आमतौर पर बिल्डर द्वारा सभी आवश्यक दस्तावेज और भुगतान किए जाने के बाद रजिस्ट्री की अनुमति दी जाती है।
बिल्डरों को रजिस्ट्री में देरी पर क्या कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा?
यदि बिल्डर रजिस्ट्री में देरी करते हैं, तो प्राधिकरण उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकता है, जिसमें छूट वापस लेना और अंतिम नोटिस जारी करना शामिल है।