क्या ग्रेटर नोएडा में एसआईआर प्रक्रिया में देरी के चलते 17 बीएलओ पर एफआईआर दर्ज हुई?
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर प्रक्रिया में देरी पर सख्त कार्रवाई हुई है।
- 17 बीएलओ पर एफआईआर दर्ज की गई है।
- गणना प्रपत्रों की प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है।
- प्रशासन ने भविष्य में निगरानी बढ़ाने का आश्वासन दिया है।
- मतदाता सूची की पारदर्शिता और समयबद्धता बनाए रखना आवश्यक है।
नोएडा, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मतदाता सूची के एसआईआर में लापरवाही बरतने पर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। जेवर क्षेत्र में एसआईआर में देरी और गणना प्रपत्रों की प्रक्रिया को धीमा करने के चलते 17 बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। यह कार्रवाई एसडीएम के निर्देश पर की गई।
जानकारी के अनुसार, मतदाता सूची के एसआईआर प्रक्रिया के दौरान गणना फॉर्म्स भरने का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा था, जिससे निर्वाचन संबंधी कार्य में रुकावट आ रही थी। प्रशासन के बार-बार निर्देशों के बावजूद बीएलओ अपने कर्तव्यों को सही तरीके से नहीं निभा रहे थे।
एसआईआर अभियान के अंतर्गत लोगों से गणना प्रपत्र भरवाने का कार्य 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चल रहा है। लेकिन अब तक केवल 1 लाख लोग, यानी कुल संख्या का केवल 25 प्रतिशत ही अपना विवरण जमा कर सके हैं।
निर्देशों के अनुसार बीएलओ को घर-घर जाकर फॉर्म भरवाने की जिम्मेदारी दी गई थी, ताकि कोई भी मतदाता सूची से बाहर न रहे और सभी जानकारी सही तरीके से अपडेट हो सके।
प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि एसआईआर प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही या धीमी गति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके बावजूद सुधार न होने पर यह सख्त कदम उठाया गया।
अधिकारियों का कहना है कि समयसीमा के भीतर कार्य पूरा करने के लिए अब निगरानी को और तेज किया जाएगा और बीएलओ पर निरंतर नजर रखी जाएगी।
इस एसआईआर प्रक्रिया के माध्यम से नई मतदाता सूची का सत्यापन किया जाता है। नए वोटर जोड़े जाते हैं, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं और पते में परिवर्तन एवं अन्य सुधार किए जाते हैं।
एफआईआर दर्ज होने के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि एसआईआर अभियान की गति में तेजी आएगी। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई अन्य कर्मियों के लिए चेतावनी है। मतदाता सूची का कार्य पारदर्शिता और समय सीमा के भीतर पूरा करना अत्यंत आवश्यक है।