क्या गृह मंत्री शाह बिहार दौरे पर एनडीए की जीत की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे? - सम्राट चौधरी
 
                                सारांश
Key Takeaways
- गृह मंत्री अमित शाह का दौरा आगामी विधानसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण है।
- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने एनडीए की जीत की रणनीतियों पर चर्चा की।
- पैक्सों का कंप्यूटरीकरण कृषि क्षेत्र में सुधार लाएगा।
- कोल्ड स्टोरेज गोदामों का निर्माण सब्जी उत्पादन में वृद्धि करेगा।
- बिहार की राजनीति में यह दौरा महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकता है।
पटना, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे के बाद, गृह मंत्री अमित शाह भी वहां जाने वाले हैं। इसी संदर्भ में, बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बताया कि गृह मंत्री राज्य में एनडीए को जीत दिलाने की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि गृह मंत्री भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ब्लॉक और जिला अध्यक्षों के साथ-साथ संगठनात्मक नेताओं से मुलाकात करेंगे।
उन्होंने घुसपैठियों पर प्रधानमंत्री के भाषण के संदर्भ में कहा कि लाल प्रसाद यादव ने 1992 में और ममता बनर्जी ने 2005 में कहा था कि देश से घुसपैठियों को निकालना है और जो भारत का नागरिक नहीं है, वह मतदाता कैसे हो सकता है?
इसके अलावा, सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में बताया कि भारत सरकार भंडारण विभाग के माध्यम से सभी पैक्स (प्राथमिक कृषि ऋण समितियों) को कंप्यूटरीकृत और पारदर्शी बनाने में जुटी है। सभी पैक्सों को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाने से देशभर में हर गतिविधि पर नज़र रखी जा सकेगी। इस दिशा में 290 पैक्सों का चयन हो चुका है, जिनमें से 50 को मंजूरी दी गई है और काम शुरू हो चुका है। इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि गोदाम योजना के तहत सरकार ने एक हजार, 500 और 200 मेट्रिक टन के गोदामों की स्वीकृति दी है। इससे पैक्स के माध्यम से अनाज रखने में सुविधा होगी। बिहार राज्य सब्जी उत्पादन और परिष्करण के अंतर्गत मुजफ्फरपुर जिले के बांद्रा, मीनापुर, कुढनी, मुसहरी, और पारु में पांच स्थानों पर एक करोड़ से अधिक राशि से कोल्ड स्टोरेज गोदाम का निर्माण किया जा रहा है। इससे बिहार में अधिक सब्जी उत्पादन होगा और जो बर्बाद होता था, वह नहीं होगा। किसान अपनी आवश्यकतानुसार बेचेंगे और बाकी को कोल्ड स्टोरेज में रखेंगे। इसमें बांद्रा में अभी धन आवंटन किया जा रहा है, बाकी प्रखंडों में काम शुरू है। दो महीने के भीतर यह पूरा हो जाएगा। इससे सब्जी उत्पादक किसानों को काफी लाभ होगा।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            