क्या जीएसटी सुधार से भारत के ऑटो सेक्टर को मिली रफ्तार?
सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी सुधारों ने ऑटो सेक्टर में तेजी लाई है।
- मारुति सुजुकी ने 26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
- टाटा मोटर्स की बिक्री में 25.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- हुंडई की बिक्री 9 प्रतिशत बढ़ी है।
- उपभोक्ता भावना में सुधार ने बिक्री को बढ़ावा दिया।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सितंबर में लागू हुए जीएसटी सुधारों ने भारत के ऑटो सेक्टर को नई रफ्तार दी है। इस सुधार के कारण, फेस्टिव सीजन के बाद भी नवंबर में कंपनियों ने उत्कृष्ट मासिक बिक्री के आंकड़े प्रस्तुत किए हैं।
भारत की सबसे बड़ी पैसेंजर वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की बिक्री नवंबर में रिकॉर्ड 2,29,021 यूनिट्स (निर्यात सहित) रही है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के आंकड़े 1,81,531 यूनिट्स से 26 प्रतिशत अधिक है।
कंपनी ने एंट्री-लेवल से लेकर एसयूवी तक के लगभग सभी सेगमेंट में मजबूत बिक्री दर्ज की है, जिसके चलते इसकी घरेलू बिक्री सालाना आधार पर 21 प्रतिशत बढ़कर 1,70,971 यूनिट्स हो गई है।
छोटी या एंट्री लेवल की कारें, जिनमें ऑल्टो और एस-प्रेसो शामिल हैं, की बिक्री 12,347 यूनिट्स तक बढ़ गई है। वहीं, मिड-साइज हैचबैक कारें जैसे बलेनो और स्विफ्ट की बिक्री 72,926 यूनिट्स हो गई है। ब्रेज़ा, ग्रैंड विटारा और अर्टिगा जैसी कारों की बिक्री 72,498 यूनिट्स रही है।
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स (टीएमपीवी) लिमिटेड ने भी सकारात्मक बिक्री आंकड़े दिखाए हैं। कंपनी की नवंबर में बिक्री 25.6 प्रतिशत बढ़कर 59,199 यूनिट्स (निर्यात सहित) हो गई है। इसकी घरेलू बिक्री 22 प्रतिशत बढ़कर 57,436 यूनिट्स रही।
हुंडई मोटर इंडिया ने भी स्थिर वृद्धि दिखाई, और कुल बिक्री सालाना आधार पर 9 प्रतिशत बढ़कर 66,840 यूनिट्स रही। लोकप्रिय मॉडलों में ग्राहकों की निरंतर रुचि के कारण घरेलू बिक्री 4 प्रतिशत बढ़कर 50,340 यूनिट्स हो गई।
विश्लेषकों का कहना है कि त्योहारी सीजन की मांग, उपभोक्ता भावना में सुधार और जीएसटी अनुमोदन के बाद की नीतिगत स्थिरता ने सभी सेगमेंट में बिक्री को बढ़ावा दिया है।
आने वाले महीनों में वाहन निर्माता अपनी इन्वेंट्री पाइपलाइन में स्थिरता और बाजार में नए लॉन्च के साथ इस गति को बनाए रख सकते हैं।