क्या गुड़ है एनीमिया से लेकर सर्दी-जुकाम तक की दवा?

सारांश
Key Takeaways
- गुड़ सेहत के लिए लाभदायक है।
- यह रक्त की कमी को दूर करता है।
- गर्मी के मौसम में सीमित मात्रा में इसका सेवन करें।
- सर्दियों में इसका सेवन शरीर को गर्म रखता है।
- गुड़ में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो त्वचा के लिए अच्छे हैं।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गुड़ भारतीय संस्कृति का एक अनमोल उपहार है। हमारे देश में भोजन के बाद गुड़ का सेवन केवल स्वाद में वृद्धि के लिए नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। जहां चीनी केवल मिठास प्रदान करती है, वहीं गुड़ शरीर को ऊर्जा, पाचन क्षमता और रोगों से सुरक्षा देता है।
आयुर्वेद में इसे मधुर रस प्रधान, उष्णवीर्य और वात-कफ शामक बताया गया है, अर्थात् यह शरीर को शक्ति प्रदान करता है, पाचन को सुधारता है और रक्त को शुद्ध रखता है।
आयुर्वेद के ग्रंथों जैसे चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में गुड़ को पाचन शक्ति को बढ़ाने वाला, रक्तशोधक और बलवर्धक बताया गया है। यह सर्दी-जुकाम, एनीमिया, कब्ज, थकान और मासिक धर्म संबंधी समस्याओं में विशेष लाभकारी है।
गुड़ में आयरन और फोलेट की प्रचुरता होती है, जिससे यह खून की कमी को दूर करता है और रक्त को शुद्ध करता है। सर्दियों में इसका सेवन शरीर को अंदर से गर्म रखता है और बलगम निकालने में सहायक होता है। भोजन के बाद थोड़ा गुड़ खाने से पाचन क्रिया सक्रिय होती है और गैस या एसिडिटी जैसी समस्याएं कम होती हैं। गुड़ में ग्लूकोज, खनिज और एंजाइम होते हैं, जो शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करते हैं।
गुड़ में जिंक और सेलेनियम जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो त्वचा और बालों को स्वस्थ रखते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और जिगर को डिटॉक्स करने में भी सहायक है। सर्दी-जुकाम में गुड़ और अदरक का काढ़ा, पाचन सुधारने के लिए गुड़ और घी, और शरीर को डिटॉक्स करने के लिए गुड़ और नींबू का पानी बेहद प्रभावी घरेलू नुस्खे हैं। मासिक धर्म के दर्द में गुड़ और तिल का सेवन राहत देता है, जबकि गुड़ और सौंफ गैस और भारीपन को दूर करता है।
सर्दियों में रोजाना थोड़ी मात्रा में गुड़ खाना फायदेमंद होता है, जबकि गर्मियों में इसका सेवन सीमित रखना चाहिए क्योंकि इसकी प्रकृति गर्म होती है। सुबह खाली पेट या भोजन के बाद थोड़ा गुड़ खाना अच्छा माना जाता है।