क्या एबी पीएमजेएवाई-एमए के लाभार्थियों को भुगतान में गुजरात ने प्रथम स्थान प्राप्त किया?
सारांश
Key Takeaways
- गुजरात ने स्वास्थ्य योजनाओं में महत्वपूर्ण वृद्धि की है।
- प्रति परिवार वार्षिक बीमा राशि 10 लाख रुपए की गई है।
- इस योजना के अंतर्गत 1,20,14,556 परिवार लाभान्वित हुए हैं।
- गुजरात में 2090 अस्पताल योजना के तहत पंजीकृत हैं।
- लाभार्थियों के दावों का भुगतान करने में गुजरात ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
गांधीनगर, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरातियों के स्वास्थ्य में गुणवत्ता सुधार लाने की दिशा में ‘स्वस्थ गुजरात, समृद्ध गुजरात’ का संदेश दिया था। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में, गुरुवार को गुजरात ने यह सुनिश्चित किया है कि स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दूरदराज के लोगों तक पहुंचे और कोई भी चिकित्सा सुविधाओं से वंचित न रहे। समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को चिकित्सा उपचार हेतु वित्तीय सहायता देने वाली केंद्र सरकार की प्रमुख योजना आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना है, जिसे गुजरात सरकार की मुख्यमंत्री अमृतम योजना के साथ जोड़ा गया है।
संयुक्त रूप से आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना–मुख्यमंत्री अमृतम (एबी पीएमजेएवाई-एमए) के तहत राज्य के 1,20,14,556 परिवारों को समाहित किया गया है।
इसके अतिरिक्त, जुलाई 2023 में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में एबी पीएमजेएवाई-एमए के अंतर्गत राज्य सरकार ने प्रति परिवार वार्षिक बीमा राशि 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दी है।
यह दर्शाता है कि गुजरात ने स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त और सुलभ बनाया है, जो राज्य में सुशासन का उत्कृष्ट उदाहरण है।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कार्यान्वयन के संदर्भ में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड देकर गरीब और मध्यम वर्ग को स्वास्थ्य सुरक्षा का कवच प्रदान किया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हम गुजरात में योग से लेकर आयुष्मान तक की परियोजनाएं लागू कर रहे हैं। हमने 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता बढ़ाकर 10 लाख रुपए की है। इस योजना के माध्यम से गरीब और दूरदराज के क्षेत्रों में भी लोगों को गंभीर बीमारियों के लिए मुफ्त उपचार मिल रहा है। आज सरकारी अस्पतालों में भी उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। हम स्वस्थ समाज और स्वस्थ गुजरात के माध्यम से प्रधानमंत्री के विकसित भारत@2047 के लक्ष्य को साकार करेंगे।”
जब एबी पीएमजेएवाई-एमए के अंतर्गत 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती थी, तब 1 जुलाई 2021 से 10 जुलाई 2022 तक प्रति परिवार प्रीमियम राशि 2177.10 रुपए थी और उस दौरान कुल वित्तीय व्यय 1681.20 करोड़ रुपए हुआ। इसके पश्चात 11 जुलाई 2022 से 10 जुलाई 2023 के बीच प्रीमियम राशि 1492 रुपए रही, जबकि कुल वित्तीय व्यय 1363.52 करोड़ रुपए रहा।
10 जुलाई 2023 को राज्य सरकार द्वारा योजनांतर्गत आर्थिक सहायता 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए की गई, जिससे प्रीमियम राशि प्रति परिवार 3708 रुपए हो गई। कुल वित्तीय व्यय की बात करें, तो 11 जुलाई 2023 से 10 जुलाई 2024 के बीच कुल वित्तीय व्यय 2676.26 करोड़ रुपए, जबकि 11 जुलाई 2024 से 10 जुलाई 2025 के दौरान कुल वित्तीय व्यय 3210.03 करोड़ रुपए होगा।
एबी पीएमजेएवाई-एमए योजना के अंतर्गत राज्य में कुल 2090 अस्पताल पंजीकृत हैं, जिनमें 1132 सरकारी और 958 निजी अस्पताल शामिल हैं। इस योजना के अंतर्गत नवंबर 2025 तक कुल 2299 प्रक्रियाओं तथा 50 एसआरएस प्रक्रियाओं को समाहित किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के दावों का भुगतान करने में गुजरात राज्य ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
गुजरात सरकार ने मई 2025 में राज्य के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए गुजरात कर्मयोगी स्वस्थ सुरक्षा योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत राज्य के फिक्स पे कर्मचारियों के अलावा ऑल इंडिया सर्विसेज (एआईएस) के अधिकारियों और पेंशनभोगियों को भी एबी पीएमजेएवाई-एमए के तहत कैशलेस चिकित्सा उपचार का लाभ दिया जाता है। गुजरात कर्मयोगी स्वस्थ योजना के अंतर्गत राज्य सरकार के सभी कर्मियों और पेंशनभोगियों को जी सीरीज का एबी पीएमजेएवाई-एमए कार्ड प्रदान किया जाता है। जी कैटेगरी में लगभग 6.40 लाख लाभार्थी हैं।
अहमदाबाद निवासी 66 वर्षीय फारुकभाई खिमाणी एक जनरल स्टोर चलाते हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति साधारण है। फारुकभाई को हृदय में दर्द के बाद यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर लाया गया। उनकी ईसीजी रिपोर्ट से कोरोनरी आर्टरी डिसीज का निदान हुआ। उन्हें हृदय की सर्जरी कराने की सलाह दी गई, जिसके लिए बहुत खर्च होने की संभावना थी। इस समय प्रधानमंत्री जन आरोग्य – मुख्यमंत्री अमृतम योजना (एबी पीएमजेएवाई-एमए) ने उनकी सहायता की, जिसके तहत उन्हें राज्य सरकार द्वारा 5,24,040 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
मई 2025 में एबी पीएमजेएवाई-एमए योजना के माध्यम से फारुकभाई की कोरोनरी एंजियोग्राफी और उसके बाद कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग (सीएबीजी) की सर्जरी की गई। हाल ही में दिसंबर 2025 में उन्हें सांस लेने में समस्या होने पर यूएन मेहता अस्पताल में फिर से भर्ती कराया गया, जहां उनकी सीआरटी-पी इम्प्लांट की सफल सर्जरी की गई। उनका स्वास्थ्य अब बहुत अच्छा है और वे राहत महसूस कर रहे हैं।
फारुकभाई ने कहा, “प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना मेरे और मुझ जैसे मरीजों के लिए बहुत सहायक हो रही है। राज्य के गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधाओं के लिए सरकार ने यह योजना लागू की है, जिसके लिए मैं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का दिल से धन्यवाद करता हूँ।”