क्या गुजरात में साइबर ठगी का बड़ा खुलासा हुआ है? 350 करोड़ की धोखाधड़ी, 14 राज्यों में दर्ज की गई हैं शिकायतें

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क्या गुजरात में साइबर ठगी का बड़ा खुलासा हुआ है? 350 करोड़ की धोखाधड़ी, 14 राज्यों में दर्ज की गई हैं शिकायतें

सारांश

गुजरात के सूरत में एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जिसने करोड़ों की ठगी की है। इस गिरोह ने निवेशकों को धोखा देकर 350 करोड़ की धोखाधड़ी की है। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। यह खबर निवेशकों के लिए एक चेतावनी है।

Key Takeaways

  • साइबर ठगी से सतर्क रहें।
  • कभी भी आकर्षक रिटर्न के वादों पर विश्वास न करें।
  • संभावित ठगों की पहचान करें और अपनी वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखें।
  • इस मामले ने निवेशकों को सतर्क रहने की ज़रूरत को दर्शाया है।
  • पुलिस ने ठगों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए हैं।

सूरत, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के सूरत शहर के साइबर क्राइम सेल ने एक अंतर्राष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का खुलासा किया है। ये साइबर ठग निवेशकों को शेयर बाजार में 7 से 11 प्रतिशत मासिक रिटर्न का लालच देकर करोड़ों रुपए की ठगी कर रहे थे। पुलिस ने सूरत और राजकोट में छापेमारी करके तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया।

पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस गिरोह ने 235 करोड़ रुपए से अधिक के बैंक लेन-देन और करीब 100 करोड़ रुपए के 'अंगड़िया' लेन-देन के माध्यम से ठगी की। इस धोखाधड़ी का दायरा इतना व्यापक है कि देश के 14 राज्यों में इनके बैंक खातों के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई हैं।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी भावेश रोजिया ने कहा कि इस गिरोह ने 'आईवी ट्रेड (इनोवेटिव ट्रेड)' और 'स्काई ग्रोथ वेल्थ मैनेजमेंट' जैसी फर्जी कंपनियां बनाकर निवेशकों को आकर्षित किया। यह योजना मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) पिरामिड मॉडल पर आधारित थी, जिसमें निवेशकों को 18 महीने तक अपना निवेश बनाए रखने के लिए मजबूर किया जाता था। नए ग्राहकों को लाने वालों को 'ब्रॉन्ज' (25 हजार डॉलर), 'सिल्वर' (50 हजार डॉलर), 'गोल्ड' (एक लाख डॉलर) और 'प्लेटिनम' (2.5 लाख डॉलर) रैंक के आधार पर बोनस का लालच दिया जाता था।

डीसीपी रोजिया ने बताया कि पुलिस ने सूरत और राजकोट में छापेमारी कर तीन संदिग्ध दानिश, जयसुख पटोलिया और यश पटोलिया को गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी दानिश अपने पिता नवीनभाई और भाई दीपेन के साथ इस गिरोह का संचालन कर रहा था। छापेमारी में पुलिस ने 40 लाख रुपए नकद, मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट, डायरी, राउटर और चेकबुक सहित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए।

राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल की जांच से यह भी पता चला कि इन खातों के खिलाफ बिहार, हरियाणा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल, मणिपुर और मध्य प्रदेश में शिकायतें दर्ज की गई हैं। डीसीपी भावेश रोजिया ने बताया कि इस योजना में 11 हजार से अधिक लोगों ने निवेश किया था। जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ मुख्य साजिशकर्ता दुबई भाग गए हैं। पुलिस अब उनकी तलाश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जांच कर रही है। इस मामले ने निवेशकों को सतर्क रहने और आकर्षक रिटर्न के वादों पर सावधानी बरतने की चेतावनी दी है।

Point of View

यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि निवेशकों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। साइबर अपराधियों की चालाकियों को समझते हुए, हमें सावधानी बरतनी चाहिए और किसी भी आकर्षक रिटर्न के वादों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि हमें अपने वित्तीय लेन-देन में सतर्कता बरतनी चाहिए।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

साइबर ठगी के इस गिरोह का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस गिरोह का मुख्य उद्देश्य लोगों को शेयर बाजार में उच्च रिटर्न का लालच देकर ठगना था।
पुलिस ने कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया?
पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इस ठगी का दायरा कितना बड़ा है?
इस ठगी का दायरा 350 करोड़ रुपए से अधिक है, और इसके खिलाफ 14 राज्यों में शिकायतें दर्ज की गई हैं।