क्या गुजरात में 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' के 12 दिवसीय भव्य समारोह का समापन हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- गुजरात सरकार ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह का सफल आयोजन किया।
- 50,000 छात्रों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
- कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की अंतरिक्ष विरासत का जश्न मनाना था।
- डॉ. विक्रम साराभाई की विरासत को सम्मानित किया गया।
- इससे छात्रों में विज्ञान के प्रति उत्साह बढ़ा।
गांधीनगर, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। देश के विभिन्न हिस्सों में 'नेशनल स्पेस डे' का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी क्रम में, गुजरात सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्यरत गुजरात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (जीयूजेसीओएसटी) ने 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस- 2025' के 12 दिवसीय राज्यव्यापी समारोह का सफलतापूर्वक समापन किया।
भारत के चंद्रयान की ऐतिहासिक सफलता के उपलक्ष्य में और गगनयान तथा भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) के महत्वाकांक्षी मिशनों की ओर अग्रसर, इस कार्यक्रम ने गुजरात के स्कूलों और कॉलेजों के 50,000 से अधिक छात्रों को एक साथ लाया।
इस समारोह का उद्घाटन पी. भारती, आईएएस, सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, गुजरात सरकार, और नीलेश देसाई, निदेशक, अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी-इसरो) द्वारा किया गया। इस अवसर पर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के प्रमुख जनक डॉ. विक्रम ए. साराभाई को श्रद्धांजलि दी गई।
इस पहल का विषय था 'आर्यभट्ट से गगनयान, प्राचीन ज्ञान से अनंत संभावनाओं तक', जिसने अंतरिक्ष अन्वेषण में देश की गौरवशाली विरासत और साहसिक भविष्य को उजागर किया।
इसमें मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया गुजरात के युवाओं की रचनात्मकता, जुनून और भविष्यवादी दृष्टिकोण को प्रदर्शित करती है, जो भारत की अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में वैश्विक अग्रणी बनने की आकांक्षा के अनुरूप है।
इस ऐतिहासिक आउटरीच पहल ने विज्ञान को लोकप्रिय बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने और भारत की अंतरिक्ष विरासत का जश्न मनाने के लिए जीयूजेसीओएसटी के प्रयासों की पुष्टि की। प्राचीन खगोलीय ज्ञान को अत्याधुनिक अंतरिक्ष अभियानों के साथ जोड़कर, इस कार्यक्रम ने छात्रों में गर्व, जिज्ञासा और आकाश से परे सपने देखने का आत्मविश्वास जगाया।
गुजकॉस्ट के सलाहकार डॉ. नरोत्तम साहू ने कहा, "अन्वेषण, रचनात्मकता और प्रेरणा के इन 12 दिनों के माध्यम से, गुजरात के छात्रों ने खोज की भावना का जश्न मनाया है। 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' न केवल अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियों का उत्सव था, बल्कि यह हमारे युवा मन को मानवता की ब्रह्मांडीय यात्रा के भविष्य को आकार देने का आह्वान भी था।"