क्या करमसद से शुरू हुई राष्ट्रीय एकता पदयात्रा का समापन एकता नगर में हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- सरदार पटेल की 150वीं जयंती का उत्सव
- एकता और भाईचारे का संदेश
- युवाओं की बड़ी भागीदारी
- गुजरात की प्रगतिशीलता का प्रतीक
- राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण
गांधीनगर, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश के पहले गृह मंत्री, भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए करमसद से शुरू हुई राष्ट्रीय एकता पदयात्रा 11 दिनों के बाद शनिवार को एकता नगर में स्थित सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ परिसर में समाप्त हुई।
इस यात्रा के समापन समारोह में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने इसे भारत की अमर आत्मा का उत्सव बताया। उन्होंने गर्व से कहा कि यह पदयात्रा देश के जन और मन को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनी है, जिसमें एकता, कर्तव्य और राष्ट्र निर्माण की भावना का समन्वय देखने को मिला।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरदार पटेल हमारे महान राष्ट्रीय नायक थे, जिन्होंने 560 से अधिक रियासतों का एकीकरण किया। सरदार साहब का योगदान एक अखंड भारत के निर्माण में अमर रहेगा।
उपराष्ट्रपति ने बताया कि देश भर में 1300 से अधिक पदयात्राओं में 14 लाख से अधिक युवाओं ने भाग लिया, जिससे यह सिद्ध हुआ कि सरदार पटेल द्वारा प्रज्वलित एकता की ज्योति आज भी जल रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस पदयात्रा ने पूरे देश में भाईचारे और एक भारत, श्रेष्ठ भारत का संदेश फैलाया है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात वह स्थान है जो महात्मा गांधी, सरदार पटेल और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मस्थान है। जब देश के किसी भी कोने में ‘केम छो?’ पूछा जाता है, तो उसका उत्तर ‘मजा मां!’ होता है, जो कि गुजरात की प्रगतिशील विचारधारा का प्रतीक है।
उपराष्ट्रपति ने युवाओं को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत, सशक्त भारत’ की भावना के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि बारडोली सत्याग्रह ने सरदार साहब को एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया। वल्लभभाई पटेल ने अंग्रेजों के अन्यायपूर्ण कर वृद्धि के खिलाफ नेतृत्व किया। उन्होंने देश सेवा के लिए अपनी वकालत छोड़ दी।
सरदार पटेल ने किसानों को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया और उनकी जीत के कारण उन्हें ‘सरदार’ की उपाधी मिली।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि यह वर्ष सरदार पटेल की 150वीं जयंती के समारोह का वर्ष है, जो पूरे देश में राष्ट्रीय गौरव को उजागर कर रहा है।
उन्होंने कहा कि डॉ. बाबासाहब अंबेडकर द्वारा दिया गया संविधान हमारे बंधुत्व का प्रतीक है। यह राष्ट्रीय यूनिटी मार्च डॉ. बाबासाहब की पुण्य तिथि पर समाप्त होना प्रेरणादायक है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुखभाई मांडविया ने बताया कि यह पदयात्रा 150 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए करमसद से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक पहुंची, जिसमें उन्होंने चार दिनों तक भाग लिया। इस यात्रा में देश भर से हजारों युवा शामिल हुए, जिसने इसे ‘विचार की यात्रा’ बना दिया।