क्या गुजरात में वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रम आयोजित किया गया?

Click to start listening
क्या गुजरात में वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रम आयोजित किया गया?

सारांश

गुजरात के वडोदरा में वंदे मातरम राष्ट्रगीत की 150वीं वर्षगांठ पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। भाजपा के प्रमुख नेताओं ने सामूहिक गान के साथ इस अवसर को मनाया, जिसमें स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया गया। यह आयोजन राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बन गया है।

Key Takeaways

  • वंदे मातरम का 150वां वर्षगांठ मनाया गया।
  • सामूहिक गान ने राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा दिया।
  • स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को प्रोत्साहित किया गया।
  • भाजपा नेताओं और अधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • कार्यक्रम 26 नवंबर तक जारी रहेगा।

वडोदरा, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के वडोदरा में शुक्रवार को 'वंदे मातरम' राष्ट्रगीत की 150वीं वर्षगांठ पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भाजपा के पदाधिकारियों और अधिकारियों ने सामूहिक गान प्रस्तुत किया।

भाजपा वडोदरा महानगर अध्यक्ष डॉ. जयप्रकाश सोनी की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में वंदे मातरम के 150 वर्षों की महत्ता पर एक विशेष कार्यक्रम 'समूहगान एवं वक्तव्य' का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता, रावपुरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक बालकृष्ण शुक्ल, वडोदरा की मेयर, स्थायी समिति अध्यक्ष और बड़ी संख्या में पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

सभी उपस्थित लोगों ने राष्ट्रीय भावनाओं और स्वदेशी संकल्प को बढ़ावा देते हुए स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को प्रोत्साहित करने की शपथ ली।

विधायक बालकृष्ण शुक्ल ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "स्वतंत्र भारत में पहली बार 7 नवंबर 1875 को बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा वंदे मातरम की रचना की गई थी, और 1896 में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने कलकत्ता अधिवेशन में इसे गाया था। इसके 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में इसे देशभर में मनाया जा रहा है।"

उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस आयोजन का नेतृत्व किया है। वडोदरा शहर में भाजपा द्वारा हर वार्ड में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम 26 नवंबर तक जारी रहेगा।

भाजपा वडोदरा महानगर अध्यक्ष डॉ. जयप्रकाश सोनी ने कहा कि वंदे मातरम में भारत माता का वर्णन है और इसे आजादी के समय लोगों ने एकजुट होकर गाया था। ऐसे समय में भारत माता की आराधना के लिए इससे बेहतर शब्द नहीं हो सकते।

गुजरात के विभिन्न जिलों में इसी तरह के आयोजन किए गए, जिनमें डांग जिला कलेक्टर कार्यालय और राजकोट महानगर पालिका शामिल थे। राजकोट महापौर नयनाबेन पेढडिया ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा, "राजकोट नगरपालिका में वंदे मातरम राष्ट्रगीता का सामूहिक गान किया गया।"

स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन जयमिन ठाकोर ने कहा कि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक ग्रंथ है। यह गीत आजादी के लिए संघर्ष कर रहे वीर सैनिकों को प्रेरणा देता था। पूरे देश में इसके 150 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाया गया।

वडोदरा में आयोजित यह कार्यक्रम विशेष रूप से राष्ट्रीय भावना और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है। राज्यभर में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें सूरत पुलिस मुख्यालय, बीएसएफ 176 बटालियन और गुजरात विधानसभा में भी भव्य आयोजन शामिल थे।

Point of View

बल्कि यह राष्ट्रीय एकता और स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। ऐसे कार्यक्रमों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा मिलती है।
NationPress
07/11/2025

Frequently Asked Questions

वंदे मातरम का रचना कब हुई थी?
वंदे मातरम की रचना 7 नवंबर 1875 को बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा की गई थी।
इस कार्यक्रम में कौन-कौन शामिल हुए?
इस कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता, विधायक, मेयर और पार्टी के कार्यकर्ता शामिल हुए।
कार्यक्रम कब तक चलेगा?
यह कार्यक्रम 26 नवंबर तक जारी रहेगा।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय भावना और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना है।
क्या गुजरात के अन्य जिलों में भी ऐसे कार्यक्रम हुए?
जी हां, गुजरात के विभिन्न जिलों में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए।