क्या गुजरात पुलिस ने साइबर अपराधियों पर कसा शिकंजा और अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया?

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क्या गुजरात पुलिस ने साइबर अपराधियों पर कसा शिकंजा और अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया?

सारांश

गुजरात पुलिस ने बड़े पैमाने पर साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की है और एक हाई-प्रोफाइल फ्रॉड नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। यह जांच कई महीनों से चल रही थी और इसमें कई गिरफ्तारियां शामिल हैं। जानिए इस सफलता की कहानी और इसके पीछे की मेहनत।

Key Takeaways

  • गुजरात पुलिस ने बड़े साइबर अपराधियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए हैं।
  • अंतरराष्ट्रीय साइबर रैकेट का भंडाफोड़ किया गया।
  • साइबर क्राइम सेल की त्वरित कार्रवाई से कई निर्दोष लोगों को बचाया गया।
  • गुजरात सरकार की साइबर सुरक्षा में बढ़ोतरी की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त संदेश दिया गया है।

अहमदाबाद, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात पुलिस ने कई प्रमुख ऑपरेशनों के माध्यम से साइबर अपराधियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं, और एक हाई-प्रोफाइल फ्रॉड नेटवर्क को समाप्त कर दिया है, जिससे लोगों को उस डिजिटल जाल से सुरक्षित किया गया है जो पूरे भारत और उसके बाहर फैला हुआ था।

गुजरात साइबर क्राइम सेल ने 18 नवंबर को एक ग्लोबल साइबर सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया। साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की टीम ने नीलेश पुरोहित नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो एक अंतर्राष्ट्रीय साइबर गुलामी रैकेट का मास्टरमाइंड था। यह रैकेट भारतीय युवाओं को म्यांमार और कंबोडिया के स्कैम कैंप में भेजता था, जिनका संचालन कथित तौर पर चीन के क्रिमिनल नेटवर्क द्वारा किया जाता था।

गुजरात के उपमुख्यमंत्री हर्ष सांघवी ने इस सफलता की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्रवाई ने साइबर गुलामी रैकेट के पीछे के बड़े और खतरनाक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को उजागर किया। उन्होंने बताया कि पुरोहित पहले ही सैकड़ों निर्दोष लोगों को नौकरी का वादा कर उन्हें साइबर फ्रॉड ऑपरेशन में फंसाकर उनकी ट्रैफिकिंग कर चुका था।

एसपी राजदीपसिंह झाला ने विस्तार से बताया कि कैसे साइबर टीम ने सावधानी से क्रॉस-बॉर्डर लिंक को ट्रैक किया और हजारों मील दूर के अपराधियों को जोड़ने वाले जटिल जाल को तोड़ दिया।

20 नवंबर को सूरत साइबर पुलिस ने एक डिजिटल गिरफ्तारी के डरावने मामले में तत्काल कार्रवाई की।

डीसीपी बिशाखा जैन ने कहा कि एक रिटायर्ड सरकारी अधिकारी, अमित देसाई, को जांच टीम का हिस्सा बनकर फंसाया गया। उन्हें मानसिक रूप से बंधक बना लिया गया था और वे अपनी जीवन की बचत ट्रांसफर करने के लिए बस कुछ ही पल दूर थे।

साइबर सेल ने तेजी से काम किया और देसाई को आगाह करते हुए उनकी जीवन की बचत को ट्रांसफर करने से रोक दिया। यह कार्रवाई आज से शुरू नहीं हुई है। गुजरात पुलिस ने मई महीने से अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वडोदरा में साइबर नेटवर्क पर शिकंजा कस रखा है।

अहमदाबाद साइबरक्राइम ब्रांच ने सख्त कार्रवाई की।

16 मई: कंबोडिया और नेपाल से कार्यरत चीन से जुड़े एक सिंडिकेट के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने प्रणय भावसार का बैंक अकाउंट हैक करके 48.85 लाख रुपए निकाल लिए।

14 मई: 14.94 लाख रुपए के डिजिटल अरेस्ट स्कैम में शामिल दो लोगों को सूरत से पकड़ा गया।

2 मई: दुबई से स्कैम चलाने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया।

7 मई: वापी के राहुल चौधरी को नकली फॉरेक्स ट्रेडिंग स्कीम के जरिए पीड़ितों से 9.30 लाख रुपए ठगने के आरोप में पकड़ा गया।

15 मई: अमित कुमार और सुमित कुमार ठाकुर को 98.85 लाख रुपए के साइबर फ्रॉड के लिए गिरफ्तार किया गया।

16 मई: एक 90 साल के व्यक्ति को डिजिटली गिरफ्तार किया गया और उनसे 1.15 करोड़ रुपए की ठगी की गई। नेपाल के रहने वाले पार्थ गोपानी को लखनऊ एयरपोर्ट पर पकड़ा गया।

16 मई: क्रुणालसिंह सिसोदिया को एक बुजुर्ग को डिजिटली गिरफ्तार करने और उनसे 22 लाख रुपए की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

राजकोट साइबर टीम ने डिजिटल अंडरवर्ल्ड का पर्दाफाश किया।

2 मई: अवैध ऑनलाइन बेटिंग साइट्स को बढ़ावा देने वाले नौ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई।

3 मई: रघुवीर सिंह चौहान को गुजरात-महाराष्ट्र सीमा पर नकली ऑनलाइन प्रोफाइल चलाने और लोगों से ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

वडोदरा साइबर सेल ने करोड़ों रुपए बरामद किए।

2.71 करोड़ रुपए के ऑनलाइन फ्रॉड मामले में 1 करोड़ रुपए से अधिक बरामद किए गए।

23 लाख रुपए के डिजिटल अरेस्ट स्कैम के पीछे के फ्रॉडस्टर को पुणे में गिरफ्तार किया गया।

ग्लोबल सिंडिकेटगुजरात पुलिस ने यह साबित कर दिया है कि साइबर क्रिमिनल, चाहे वे कहीं भी छिपे हों, कानून के हाथ से बच नहीं सकते।

साइबर क्राइम सेल की त्वरित कार्रवाई और बुद्धिमत्ता एक स्पष्ट संदेश दे रही है कि अगर आप साइबर क्राइम करते हैं तो गुजरात पुलिस आपको खोज निकालेगी, चाहे आप कहीं भी हों।

Point of View

बल्कि यह एक महत्वपूर्ण संदेश भी देती है कि कानून के हाथ हर जगह पहुंचे हैं। साइबर अपराधों में तेजी से बढ़ोतरी के इस दौर में, यह कार्रवाई देशभर में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

गुजरात पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं?
गुजरात पुलिस ने कई बड़े ऑपरेशनों के तहत साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की, जिसमें अंतरराष्ट्रीय साइबर रैकेट का भंडाफोड़ और कई गिरफ्तारियां शामिल हैं।
गुजरात साइबर क्राइम सेल ने किस प्रकार का रैकेट पकड़ा?
गुजरात साइबर क्राइम सेल ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर गुलामी रैकेट का भंडाफोड़ किया, जो भारतीय युवाओं को म्यांमार और कंबोडिया के स्कैम कैंप में भेजता था।
इस कार्रवाई की सराहना किसने की?
गुजरात के उपमुख्यमंत्री हर्ष सांघवी ने इस कार्रवाई की सराहना की और इसे साइबर गुलामी रैकेट के बड़े नेटवर्क को उजागर करने वाला बताया।
क्या इस कार्रवाई में कोई गिरफ्तारियां हुईं?
हां, इस कार्रवाई में कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें प्रमुख आरोपी नीलेश पुरोहित भी शामिल हैं।
क्या गुजरात पुलिस ने पहले भी ऐसे मामलों में कार्रवाई की है?
जी हां, गुजरात पुलिस ने इस साल कई बार साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिसमें लाखों रुपए की ठगी के मामले शामिल हैं।
Nation Press