क्या गुना के गुलाब और धनिया की खुशबू विदेशों तक पहुंचेगी?

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क्या गुना के गुलाब और धनिया की खुशबू विदेशों तक पहुंचेगी?

सारांश

गुना के गुलाब और धनिया के निर्यात पर आयोजित कार्यशाला में प्रतिभागियों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा की रणनीतियों पर चर्चा की। क्या गुना के उत्पाद वैश्विक पहचान हासिल कर पाएंगे? जानें इस विशेष कार्यक्रम के बारे में।

Key Takeaways

  • गुना के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में कार्य हो रहा है।
  • कार्यशाला में निर्यात प्रक्रिया और ब्रांडिंग की जानकारी दी गई।
  • स्थानीय उद्यमियों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
  • गुलाब और धनिया की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
  • औद्योगिक आधारभूत संरचना के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।

गुना, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के गुना जिले में 'एक जिला एक उत्पाद' (ओडीओपी) एवं निर्यात प्रोत्साहन पर आधारित कार्यशाला का आयोजन गुरुवार को हुआ। यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित किया गया, जिसमें जिले के प्रमुख अधिकारी, विशेषज्ञ और उद्यमी शामिल हुए।

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य स्थानीय कारीगरों, उद्यमियों और अन्य हितधारकों को निर्यात प्रक्रिया, ब्रांडिंग, आधुनिक पैकेजिंग तकनीकों, गुणवत्ता मानकों और बाजार रणनीतियों से अवगत कराना था, ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धा कर सकें। इस कार्यक्रम में 200 से अधिक उद्यमियों, निर्यातकों और स्थानीय उत्पाद निर्माताओं ने भाग लिया।

कार्यक्रम में जिलाधिकारी किशोर कुमार कन्याल, गुना चेंबर ऑफ कॉमर्स के जीतेंद्र खुराना, गुना लघु उद्योग भारती से राजेश अग्रवाल, मसाले बोर्ड के सहायक निदेशक आशीष जायसवाल, एग्जिम बैंक के एजीएम आनंद कृष्ण सिंह, राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान से डॉ. राकेश विदाथे, ईसीजीसी के अर्पित शर्मा और वॉलमार्ट के समीर मिस्त्री जैसे प्रतिष्ठित विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

जिलाधिकारी किशोर कुमार कन्याल ने जिले के समग्र विकास और औद्योगिक भविष्य पर कहा, "गुना को 'लोकल से ग्लोबल' की दिशा में बढ़ाते हुए, जिले के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाना हमारा संकल्प है। गुना को मध्य प्रदेश के एक अग्रणी औद्योगिक, कृषि और निर्यात केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में ठोस कार्य किए जा रहे हैं। मिशन 2047 के अंतर्गत गुना में 1 एकड़ भूमि से 12 लाख रुपए वार्षिक आय का मॉडल सफल बनाने की दिशा में कार्य हो रहा है। यह मॉडल किसानों के जीवन स्तर को सशक्त करेगा और जिले को आत्मनिर्भर बनाएगा। गुलाब की खेती और धनिया जैसी फसलों को प्रोत्साहित कर स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहुंचाया जा रहा है।"

उन्होंने औद्योगिक आधारभूत संरचना पर बताया कि जिले में दो फ्लाईओवर परियोजनाएं, 10.5 किलोमीटर लंबी सर्विस लेन, गुना-शिवपुरी राष्ट्रीय राजमार्ग का विकास और रिंग रोड निर्माण प्रगति पर हैं। ये परियोजनाएं जिले को लॉजिस्टिक और निवेश के दृष्टिकोण से एक मजबूत केंद्र बनाएंगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि किसान और स्थानीय उत्पादक नवाचार और गुणवत्ता को अपनाएं और गुना को प्रदेश का एक प्रतिष्ठित औद्योगिक और निर्यात केंद्र बनाने में सक्रिय भागीदारी निभाएं।

मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम के कार्यकारी निदेशक प्रतुल चंद्र सिन्हा ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जिले के एक उत्पाद, जिसे ओडीओपी के तहत चयनित किया गया है, को और कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है। स्थानीय कृषकों और उद्यमियों को सरकार की निर्यात संबंधी नियमों की जानकारी दी गई। हम स्थानीय उत्पाद को वैश्विक पहचान देने की दिशा में काम कर रहे हैं।

राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए युवा किसान पीतम लोधा ने कहा, "किसान जिस फसल को उगाता है, उसे बाजार में किस तरह और कितनी मात्रा में लाना चाहिए, यह जानकारी हमें विभाग द्वारा दी गई। धनिया उत्पादन में गुना का नाम पूरे एशिया में है, विभाग उसे वैश्विक स्तर पर ले जाना चाहता है।"

किसान पप्पू लोधा ने कहा, "हमें कार्यशाला में बताया गया कि किस तरह धनिया को विदेशों में निर्यात कर सकते हैं।"

Point of View

बल्कि यह हमारे किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। यह कार्यक्रम न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय संस्कृति और कृषि की समृद्धि को भी सुनिश्चित करेगा।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

गुना के गुलाब और धनिया का निर्यात कैसे होगा?
गुना के उत्पादों का निर्यात विभिन्न ब्रांडिंग और पैकेजिंग तकनीकों के माध्यम से किया जाएगा, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बन सकें।
कार्यशाला में किन विशेषज्ञों ने भाग लिया?
कार्यशाला में जिलाधिकारी, औद्योगिक विकास निगम के अधिकारी और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हुए।
गुना के उत्पादों को वैश्विक पहचान कैसे मिलेगी?
स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए निर्यात प्रोत्साहन, गुणवत्ता मानकों और बाजार रणनीतियों पर ध्यान दिया जाएगा।
क्या इस कार्यशाला का कोई विशेष उद्देश्य था?
हां, कार्यशाला का उद्देश्य स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को निर्यात प्रक्रिया से अवगत कराना था।
क्या गुना के किसान इस प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं?
बिल्कुल, किसान और स्थानीय उत्पादक इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभा सकते हैं।