क्या केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने गुरदासपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और करतारपुर कॉरिडोर की मरम्मत का वादा किया?

सारांश
Key Takeaways
- गुरदासपुर में बाढ़ ने भारी नुकसान किया है।
- केंद्र सरकार का समर्थन बाढ़ पीड़ितों के लिए महत्वपूर्ण है।
- करतारपुर कॉरिडोर की मरम्मत जल्द की जाएगी।
- बाढ़ प्रबंधन के लिए बेहतर तैयारी की आवश्यकता है।
- राहत कार्य में विभिन्न संस्थाएँ सक्रिय हैं।
गुरदासपुर, १३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने पंजाब के गुरदासपुर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र मकौड़ा पतन का दौरा किया। यहाँ उन्होंने बाढ़ से हुए व्यापक नुकसान का आकलन किया और प्रभावित परिवारों से संवाद किया। बाद में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि पंजाब में बाढ़ ने भयानक तबाही मचाई है। केंद्र सरकार इस संकट में पीड़ितों के साथ हर कदम पर खड़ी है। विशेष रूप से, करतारपुर कॉरिडोर को बाढ़ के पानी ने गंभीर नुकसान पहुँचा दिया है, जिसकी मरम्मत केंद्र सरकार शीघ्रता से कराएगी।
शोभा करंदलाजे ने बताया कि यह कॉरिडोर केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किया गया था, इसलिए इसका रखरखाव और मरम्मत भी केंद्र का दायित्व है। उन्होंने कहा, "बाढ़ के कारण पंजाब में कई जानें गईं, सैकड़ों पशु बह गए और हजारों घर तबाह हो गए। यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है।"
आंकड़ों के अनुसार, गुरदासपुर सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहाँ १.४५ लाख लोग और ३२४ गांव जलमग्न हो गए हैं। पूरे पंजाब में २३ जिलों के १,९०२ गांव जलमग्न हुए हैं, ३.८ लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और ४३ से अधिक मौतें दर्ज की गई हैं। कृषि पर भी बुरा असर पड़ा है, जहाँ १.४८ लाख हेक्टेयर फसलें बाढ़ में डूब गईं।
उन्होंने केंद्र सरकार की तत्परता की सराहना की और बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के बाढ़ पीड़ितों के लिए १,६०० करोड़ रुपए के विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है। ९ सितंबर को पीएम ने गुरदासपुर का हवाई सर्वेक्षण किया और प्रभावितों से मुलाकात की। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ४ सितंबर को गुरदासपुर सहित प्रभावित जिलों का दौरा कर किसानों को केंद्र से पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया। इसके अतिरिक्त, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, बीएसएफ और एनजीओ जैसे खालसा एड ने बड़े पैमाने पर बचाव और राहत कार्य किए। गुरदासपुर में सेना ने हेलीकॉप्टर से २७ लोगों को सुरक्षित निकाला। कुल ११,३३० लोगों को सुरक्षित स्थानांतरित किया गया।
हालांकि, शोभा करंदलाजे ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास पहले से १२,००० करोड़ रुपए उपलब्ध थे, लेकिन इन्हें खर्च नहीं किया गया।
उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य को बाढ़ प्रबंधन के लिए बेहतर तैयारियों की आवश्यकता है, जैसे कि सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर नदियों के तटबंधों को मजबूत करना।
वहीं, केंद्रीय मंत्री ने प्रभावितों को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार फसल क्षतिपूर्ति, घरों के पुनर्निर्माण और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने एनजीओ और स्थानीय प्रशासन से राहत कार्य तेज करने का आग्रह किया। गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक, कलानौर और बहरामपुर जैसे क्षेत्रों में राहत शिविर चल रहे हैं। पंजाब गवर्नर गुलाब चंद कटारिया ने भी ३ सितंबर को इन क्षेत्रों का दौरा किया था। यह दौरा केंद्र-राज्य सहयोग को मजबूत करने का संकेत है।