क्या गुरदासपुर में प्रशासन ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की?

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क्या गुरदासपुर में प्रशासन ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की?

सारांश

गुरदासपुर में दीपावली के अवसर पर प्रशासन ने किसानों को पराली जलाने से रोकने और इसके प्रबंधन के महत्व के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया। डिप्टी कमिश्नर और एसएसपी ने किसानों को मशीनरी उपलब्ध करवाई और सहयोग की अपील की। जानिए इस सराहनीय पहल के बारे में।

Key Takeaways

  • किसानों को पराली न जलाने की अपील की गई है।
  • कृषि मशीनरी की उपलब्धता से सहायता मिलेगी।
  • अधिकांश गांवों में प्रगतिशील किसान हैं।
  • पराली प्रबंधन का महत्व समझाया गया है।
  • किसानों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।

गुरदासपुर, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के गुरदासपुर में दीपावली के अवसर पर, जिला प्रशासन ने किसानों को पराली जलाने से रोकने एवं इसके प्रबंधन के महत्व के प्रति जागरूक करने में सक्रियता दिखाई। डिप्टी कमिश्नर दलविंदरजीत सिंह और एसएसपी आदित्य ने गांव सोहल और सहारी का दौरा किया और किसानों से फसल के अवशेषों को न जलाने की अपील की।

दोनों अधिकारियों ने किसानों को बताया कि कृषि विभाग द्वारा पराली प्रबंधन के लिए आवश्यक मशीनरी, जैसे कि सुपरसीडर और बेलर, उपलब्ध कराई गई हैं, ताकि किसान आसानी से स्टबल मैनेजमेंट कर सकें।

डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि प्रशासन का पूरा तंत्र, जिसमें सिविल और पुलिस विभाग शामिल हैं, गांव-गांव जाकर किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित कर रहा है। उन्होंने बताया कि दीपावली के दिन भी फील्ड टीमें सक्रिय रहीं ताकि पराली जलाने की प्रवृत्ति पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जा सके। पिछले साल गांव सोहल में तीन पराली जलाने की घटनाएं हुई थीं, जबकि इस साल एक भी घटना नहीं हुई। इस बार गांव सोहल में स्टबल मैनेजमेंट के तहत पराली की गांठें बनाई जा रही हैं, जो एक सराहनीय पहल है।

डिप्टी कमिश्नर ने प्रगतिशील किसान अतर सिंह के प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि पिछले साल जिले में 47 पराली जलाने की घटनाएं हुई थीं, जबकि इस साल केवल 5 दर्ज की गई हैं। उन्होंने किसानों से जिला प्रशासन के साथ सहयोग की अपील की और कृषि विभाग के अधिकारियों, क्लस्टर तथा नोडल अफसरों को निर्देश दिया कि किसानों का पराली प्रबंधन में कोई कठिनाई न हो और मशीनरी प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराई जाए।

उन्होंने कहा कि जिले के अधिकांश गांवों में ऐसे प्रगतिशील किसान हैं जो कई वर्षों से पराली नहीं जला रहे हैं और अन्य किसानों को इसके फायदे समझा रहे हैं। ऐसे किसानों को जिला प्रशासन प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी कर रहा है। यदि किसी किसान को कोई समस्या हो तो वह नजदीकी कृषि विभाग, ब्लॉक कार्यालय, एसडीएम कार्यालय या हेल्पलाइन नंबर 1800-180-1852 पर संपर्क कर सकता है।

एसएसपी गुरदासपुर आदित्य ने कहा कि पुलिस और सिविल प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है और उन्होंने भी किसानों से जिला प्रशासन का सहयोग करने की अपील की।

इस अवसर पर प्रगतिशील किसान अतर सिंह (सोहल) और पलविंदर सिंह (सहारी) ने कहा कि फसल के अवशेष को जलाने के बजाय बेलिंग करवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के माध्यम से किसानों को पराली प्रबंधन के लिए सब्सिडी और कृषि मशीनरी उपलब्ध कराई जा रही है और किसानों से अपील की कि फसल का अवशेष न जलाएं, क्योंकि यह कचरा नहीं बल्कि सोना है, जिसे खेत में मिलाकर गेहूं की बुआई की जा सकती है।

Point of View

बल्कि पर्यावरण के लिए भी महत्वपूर्ण है। प्रशासन की इस पहल से यह सुनिश्चित होगा कि भविष्य में पराली जलाने की घटनाएं कम होंगी।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

किसानों को पराली प्रबंधन के लिए कौन सी सहायता उपलब्ध कराई गई है?
किसानों को पराली प्रबंधन के लिए सुपरसीडर और बेलर जैसी मशीनरी उपलब्ध कराई गई है।
क्या पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है?
हाँ, पिछले साल 47 घटनाएं हुई थीं, जबकि इस साल केवल 5 घटनाएं दर्ज की गई हैं।
किसान किस तरह से जिला प्रशासन से सहयोग कर सकते हैं?
किसान नजदीकी कृषि विभाग या हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।