क्या गुरु गोबिंद सिंह जी के पवित्र जूते 300 साल बाद पटना साहिब लौटे?
सारांश
Key Takeaways
- गुरु गोबिंद सिंह जी के पवित्र जूते 300 साल बाद लौटे।
- हरदीप सिंह पुरी ने सिख संगत को धरोहर सौंपी।
- गुरु चरण यात्रा में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।
- जूते तख्त श्री हरिमंदिर जी में स्थापित किए गए।
- यह घटना सिख इतिहास में एक नया अध्याय है।
नई दिल्ली, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के परिवार ने 300 साल पुरानी एक अनमोल धरोहर को सिख संगत को सौंपा है। सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज और उनकी पत्नी साहिब कौर जी के पवित्र जूते (जोड़ साहिब) अब पटना साहिब के तख्त श्री हरिमंदिर जी में विराजमान हैं। यह वही पवित्र स्थल है जहां गुरु साहिब का जन्म हुआ था।
हरदीप पुरी ने अपने X हैंडल पर एक भावुक पोस्ट के माध्यम से बताया कि उनके पूर्वज गुरु महाराज की सेवा में थे। 300 साल पहले उन्हें ये पवित्र जूते 'चरण सुहावा' के रूप में प्राप्त हुए थे। परिवार ने इन्हें संभालकर रखा। 22 अक्टूबर को दिल्ली में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति और पटना साहिब कमेटी को ये अवशेष सौंपे गए।
इसके बाद शुरू हुई 9 दिनों की भव्य गुरु चरण यात्रा। दिल्ली से पटना तक हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। यात्रा हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार से गुजरी। हर जगह कीर्तन, अरदास और लंगर का आयोजन किया गया। लोग सड़कों पर खड़े होकर पवित्र जूतों के दर्शन कर रहे थे। बच्चे, बूढ़े, जवान सबकी आंखें नम थीं।
शनिवार सुबह पटना साहिब पहुंचकर यात्रा का समापन हुआ। तख्त श्री हरिमंदिर जी में जोड़ साहिब को विधि-विधान से स्थापित किया गया। हरदीप पुरी ने इसे अपने परिवार के लिए “अत्यंत भावुक क्षण” बताया। उन्होंने लिखा, “सिख संगत के साथ सेवा करना गर्व की बात है।”
पटना साहिब कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि ये जूते अब संगत के लिए दर्शन योग्य रहेंगे। यह घटना सिख इतिहास में एक नया अध्याय है। 300 साल बाद गुरु साहिब का चरण चिन्ह अपने जन्मस्थान लौट आया।
सिख समुदाय में उत्साह का माहौल है। #गुरुचरणयात्रा सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। लोग लिख रहे हैं, यह सिर्फ जूते नहीं, गुरु की कृपा का प्रतीक है।