क्या 'गुरुवार व्रत' से धन, विद्या और वैवाहिक सुख मिल सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- गुरुवार व्रत का पालन करने से धन में वृद्धि होती है।
- इस दिन भगवान श्री हरि की पूजा करना आवश्यक है।
- पीले वस्त्र पहनना और पीले फल-फूलों का दान करना चाहिए।
- व्रत रखने से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- किसी गरीब को दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि गुरुवार को है। इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि में और चंद्रमा दोपहर 2 बजकर 7 मिनट तक मकर राशि में रहेगा। इसके बाद यह कुम्भ राशि में गोचर करेगा।
द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर 1 बजकर 28 मिनट से शुरू होकर 2 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इस तिथि को कोई विशेष पर्व नहीं है, लेकिन आप इस दिन गुरुवार का व्रत रख सकते हैं।
अग्नि पुराण, बृहस्पति स्मृति और महाभारत जैसे ग्रंथों में गुरुवार व्रत का उल्लेख मिलता है। इन ग्रंथों में कहा गया है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से धन, विद्या और वैवाहिक सुख में लाभ होता है।
यह मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री हरि की पूजा-अर्चना करने, व्रत रखने और कथा सुनने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ग्रंथों में कहा गया है कि यदि व्रत के दिन नियमों का पालन न किया जाए, तो भगवान श्री हरि विष्णु नाराज हो सकते हैं। यदि कोई भी जातक गुरुवार व्रत आरंभ करना चाहें, तो वह किसी भी शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से शुरू कर सकते हैं और 16 गुरुवार व्रत रखकर उद्यापन कर सकते हैं।
माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने वालों को पीले वस्त्र पहनने चाहिए और पीले फल-फूलों का दान करना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे कि पीली चीजों का सेवन न करें। जो जातक व्रत नहीं रख सकते, वे विधि-विधान से पूजा कर या फिर व्रत कथा सुन सकते हैं। पूजा के दौरान भगवान विष्णु को हल्दी चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है और पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
गुरुवार के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न और धन का दान करने से भी पुण्य प्राप्त होता है। मान्यता है कि केले के पत्ते में भगवान विष्णु का वास होता है, इसीलिए गुरुवार के दिन केले के पत्ते की पूजा की जाती है।