क्या एच. राजा ने करूर हादसे पर चिंता जताई है और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं?

सारांश
Key Takeaways
- एच. राजा ने करूर हादसे पर चिंता जताई।
- हादसे की निष्पक्ष जांच की मांग की गई।
- राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए गए।
- मुख्यमंत्री स्टालिन पर भी निशाना साधा गया।
- 41 लोगों की मौत हुई, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे।
चेन्नई, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य एच. राजा ने शुक्रवार को करूर हादसे पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इस घटना की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता बताई।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए एच. राजा ने कहा, "यह तमिलनाडु की एक गंभीर समस्या को उजागर करता है। सरकार ने एक निजी आयोग का गठन किया है, लेकिन यदि कार्रवाई संभव है तो आयोग की आवश्यकता क्यों है? पिछले चार वर्षों से तानाशाही की स्थिति है।"
उन्होंने राज्य सरकार की जांच प्रक्रिया पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि यह स्वागतयोग्य हो सकती है, लेकिन जो लोग अलग सोच रखते हैं, उन्हें दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा, "मैं सड़क पर उतरने के लिए तैयार हूं। करूर में प्रशासन की स्थिति को देखें, पानी की शिकायत पर पार्षदों की पिटाई कराई जाती है, और पुलिस एफआईआर तक दर्ज नहीं करती।"
राजा ने मुख्यमंत्री स्टालिन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "कल्लाकुरिची में घटना हुई, फिर भी स्टालिन करूर क्यों गए?" विजय के देर से पहुंचने पर उन्होंने कहा, "चार घंटे की देरी अपराध नहीं है, लेकिन जगह का चयन गलत था। अगर एमजीआर 36 घंटे देर से आते, तो भी लोग उनका इंतज़ार करते।"
याद रहे कि 27 सितंबर को अभिनेता से नेता बने विजय की तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की रैली में भगदड़ मचने से 41 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 18 महिलाएं, 13 पुरुष और 10 बच्चे शामिल थे। 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।