क्या हरलाखी विधानसभा सीट पर होगी सीता माता की जन्मस्थली पर चुनावी लड़ाई?

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क्या हरलाखी विधानसभा सीट पर होगी सीता माता की जन्मस्थली पर चुनावी लड़ाई?

सारांश

हरलाखी विधानसभा क्षेत्र आगामी विधानसभा चुनाव में एक महत्वपूर्ण केंद्र बन रहा है, जहां सीता माता की जन्मस्थली और स्थानीय राजनीतिक समीकरणों के चलते चुनावी रणभूमि तैयार हो रही है।

Key Takeaways

  • हरलाखी विधानसभा क्षेत्र 2025 में महत्वपूर्ण चुनावी रणभूमि बनेगा।
  • यह क्षेत्र सीता माता की जन्मस्थली के निकट स्थित है।
  • यहां के यादव और ब्राह्मण वोटरों की निर्णायक भूमिका है।
  • पुनौरा धाम पर मंदिर का निर्माण चुनावी मुद्दा बन सकता है।
  • हरलाखी विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या 5,02,885 है।

पटना, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के सीतामढ़ी जिले में स्थित हरलाखी विधानसभा क्षेत्र आगामी 2025 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर राजनीतिक चर्चा का केंद्र बनने जा रहा है। यह क्षेत्र मधुबनी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह सीट सामान्य श्रेणी की है और इसका महत्व इसलिए है क्योंकि पुनौरा धाम में मां जानकी की जन्मस्थली मौजूद है।

विदेह वंश ने प्राचीन मिथिला राज्य के हरलाखी की स्थापना की थी, जहां माता सीता के पिता राजा जनक का शासन था। उनकी राजधानी जनकपुर थी, जो अब नेपाल में स्थित है। हरलाखी से जनकपुरी की दूरी 72 किलोमीटर है, और यहां सड़क और रेल मार्ग दोनों हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं में सीतामढ़ी एक पवित्र स्थान है।

हरलाखी प्रखंड मधुबनी और सीतामढ़ी जिलों के बॉर्डर पर स्थित है और यह अपनी समृद्ध कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था के कारण क्षेत्र के सबसे बड़े गांवों में गिना जाता है। बागमती और कमला नदियों के पास होने के कारण यहां की भूमि खेती के लिए उपजाऊ है। यहां बड़े पैमाने पर धान, गेहूं, मक्का एवं दालों की खेती होती है। पिछले कुछ सालों में किसानों ने केले की खेती भी शुरू की है। स्थानीय आय के अन्य स्त्रोत पशुपालन, दुग्ध उत्पादन और मुर्गी पालन हैं।

साल 1951 में हरलाखी विधानसभा सीट की स्थापना हुई थी और यह पूरी तरह से ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र है। अब तक यहां से 17 विधायक चुने गए हैं, जिनमें से कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने 6-6 बार जीत हासिल की है। इस सीट पर जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) का 2-2 बार और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का एक बार कब्जा रहा है।

2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने हरलाखी में जीत हासिल की थी, जबकि सीपीआई के उम्मीदवार राम नरेश पाण्डेय दूसरे नंबर पर थे। जेडीयू के विधायक सुधांशु शेखर ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की, पहले उन्होंने 2016 के उपचुनाव में जीत प्राप्त की थी। आरएलएसपी से राजनीति की शुरुआत करने वाले सुधांशु शेखर ने बाद में जेडीयू का दामन थाम लिया। लोकसभा चुनाव 2024 में हरलाखी में एनडीए का वर्चस्व बना रहा, जहां भाजपा के उम्मीदवार अशोक कुमार यादव ने हरलाखी क्षेत्र में 40,931 मतों से जीत हासिल की।

चुनाव आयोग के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, हरलाखी विधानसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या 5,02,885 है। यहां कुल वोटरों की संख्या 2,95,249 है, जिनमें 1,54,971 पुरुष वोटर, 1,40,257 महिला वोटर और 21 थर्ड जेंडर वोटर शामिल हैं।

हाल ही में बिहार सरकार ने पुनौरा धाम (सीता माता की जन्मस्थली) पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए 882 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में सीता माता की जन्मस्थली का भूमि पूजन किया था। इस प्रकार, माता सीता की जन्मस्थली पर चुनावी रण की तैयारियां जोरों पर हैं, क्योंकि एनडीए हरलाखी सीट पर अपना वर्चस्व बनाए रखना चाहता है। इस सीट पर यादव और ब्राह्मण वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं, जिससे यहां एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है।

Point of View

विशेषकर यादव और ब्राह्मण, चुनावी नतीजों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए, सभी राजनीतिक दलों को इस क्षेत्र की अनदेखी नहीं करनी चाहिए।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

हरलाखी विधानसभा सीट कब स्थापित हुई थी?
हरलाखी विधानसभा सीट की स्थापना 1951 में हुई थी।
हरलाखी विधानसभा क्षेत्र के कुल वोटरों की संख्या क्या है?
हरलाखी विधानसभा क्षेत्र में कुल वोटरों की संख्या 2,95,249 है।
पुनौरा धाम का क्या महत्व है?
पुनौरा धाम मां जानकी की जन्मस्थली है और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
2020 के विधानसभा चुनाव में किसने जीत हासिल की थी?
2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने हरलाखी में जीत हासिल की थी।
हरलाखी विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या कितनी है?
हरलाखी विधानसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या 5,02,885 है।