क्या हर्ष वर्धन जैन को कभी राजदूत का दर्जा मिला?

सारांश
Key Takeaways
- फर्जी दूतावास चलाने के आरोप में हर्ष वर्धन जैन की गिरफ्तारी।
- वेस्ट आर्कटिका ने स्पष्ट किया कि उन्हें कभी भी 'राजदूत' का दर्जा नहीं मिला।
- संगठन ने अनधिकृत गतिविधियों के चलते जैन को निलंबित किया।
- संगठन ने भारतीय कानून प्रवर्तन को सहयोग देने का आश्वासन दिया।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए संगठन समीक्षा कर रहा है।
नोएडा, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गाजियाबाद में फर्जी दूतावास चलाने और धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार हुए हर्ष वर्धन जैन के संबंध में वेस्ट आर्कटिका संगठन ने एक आधिकारिक बयान जारी किया है। संगठन ने स्पष्ट किया है कि हर्ष वर्धन जैन भले ही संस्था से जुड़े थे, लेकिन उन्होंने संगठन की निर्धारित मर्यादाओं का उल्लंघन किया और कई गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाए गए।
वेस्ट आर्कटिका ने बताया कि इसकी स्थापना वर्ष २००१ में अमेरिकी नागरिक और पूर्व नेवी इंटेलिजेंस एनालिस्ट ट्रैविस मैकहेनरी द्वारा की गई थी। इस संगठन को २०१४ में एक चैरिटेबल कॉर्पोरेशन के रूप में पंजीकृत किया गया और २०१८ में इसे अमेरिकी कर प्रणाली के अंतर्गत ५०१(सी)(३) टैक्स छूट का दर्जा प्राप्त हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य पश्चिम अंटार्कटिका के पर्यावरण, विशेषकर वेस्ट अंटार्कटिक आइस शीट की रक्षा और जागरूकता फैलाना है।
संगठन में वर्ष २०१६ में हर्ष वर्धन जैन ने वेस्ट आर्कटिका को एक बड़ा डोनेशन दिया था, जिसके बाद उन्हें संगठन के अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवकों की टीम में 'मानद वाणिज्य दूत-भारत' के रूप में नामित किया गया।
वेस्ट आर्कटिका ने स्पष्ट किया है कि उन्हें कभी भी 'राजदूत' (एंबेसडर) का दर्जा या अधिकार नहीं दिया गया। जब हर्ष वर्धन जैन को गिरफ्तार किया गया, तो उनके पास वेस्ट आर्कटिका के नाम और मुहर वाले कूटनीतिक नंबर प्लेट, पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज पाए गए।
संगठन ने बताया कि न तो वे कूटनीतिक नंबर प्लेट या पासपोर्ट का उपयोग करते हैं और न ही कभी किसी प्रतिनिधि को ऐसा करने की अनुमति दी गई है। अपने निवास को 'एंबेसी' घोषित करना भी संगठन के प्रोटोकॉल का घोर उल्लंघन है। इन सभी अनधिकृत गतिविधियों के चलते हर्ष वर्धन जैन को वेस्ट आर्कटिका से अनिश्चितकालीन रूप से निलंबित कर दिया गया है।
संगठन की कार्यकारिणी इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया गया है।
संगठन ने यह भी बताया है कि वे अपने सभी मानद दूतों की एक विस्तृत समीक्षा कर रहे हैं ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। संगठन ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अपनी मूल भावनाओं और पर्यावरणीय मिशन से अलग बताया है और कहा है कि यह घटना उनके मूल्यों और सिद्धांतों का प्रतिनिधित्व नहीं करती।