क्या मुस्लिम युवक और हिंदू युवती के निकाह मामले में तीन गांवों की पंचायत का फैसला प्रभावी होगा?

सारांश
Key Takeaways
- पंचायत ने मुस्लिम युवक के परिवार का बहिष्कार किया।
- मामला संवेदनशील होने के कारण पुलिस तैनात की गई।
- युवक और युवती के बीच तलाक की प्रक्रिया चल रही है।
- पंचायत में मीडिया और पुलिस को शामिल नहीं किया गया।
- गांवों में तनाव बना हुआ है।
चरखी दादरी, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव महराणा में एक मुस्लिम युवक और हिंदू युवती के बीच निकाह के मामले में तीन गांवों की पंचायत ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। पंचायत ने युवक के मुस्लिम परिवार का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। यह पंचायत लगभग चार घंटे तक चली, जिसमें मीडिया, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी दूर रहे।
महराणा में मुस्लिम युवक और हिंदू युवती के निकाह को लेकर ग्रामीणों के बीच गुस्सा बना हुआ है। रविवार को गांव पातुवास में तीन गांवों - खेड़ी सनवाल, महराणा और पातुवास के ग्रामीणों ने एक संयुक्त पंचायत आयोजित की।
यह पंचायत चार घंटे तक चली जिसमें मीडिया, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया। पंचायत में यह निर्णय लिया गया कि तीनों गांव में युवक शाहिद के परिवार से कोई सामाजिक संबंध नहीं रखा जाएगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव के आस-पास पुलिस बल तैनात किया गया है।
ज्ञात हो कि 3 जुलाई को गांव महराणा के 25 वर्षीय युवक और गांव की ही हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन कर निकाह कर दिया गया था। ग्रामीणों को 6 जुलाई को इसकी जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने रोष व्यक्त किया और मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानों को बंद करवा दिया। तब से गांव में शाहिद के परिवार के बाहर लगातार पुलिस तैनात है।
गांव महराणा में पंचायत की अध्यक्षता कपूर सिंह ने की और संचालन अठगामा खाप के संयोजक धर्मपाल महराणा ने किया। पंचायत के प्रतिनिधि मीर सिंह ने भी बहिष्कार की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि लड़की से निकाह करने वाला युवक गांव में नहीं आएगा और तीनों गांव में उसके परिवार से कोई सामाजिक रिश्ता नहीं रहेगा। लड़के-लड़की के बीच निकाह या शादी का रिश्ता समाप्त कर दिया गया है। बताया गया कि दोनों के बीच तलाक की प्रक्रिया चल रही है और इस संबंध में एक एफिडेविट भी दिया गया है।