क्या दलित अफसर का मरने के बाद भी अपमान हो रहा है? : राहुल गांधी

सारांश
Key Takeaways
- हरियाणा सरकार से न्याय की मांग
- आईपीएस परिवार का सम्मान
- दलित समुदाय के अधिकारों की रक्षा
- निष्पक्ष जांच की आवश्यकता
- भेदभाव की समाप्ति
चंडीगढ़, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के आईपीएस वाई पूरन कुमार के आत्महत्या मामले को 7 दिनपोस्टमार्टम नहीं हो पाया है। मंगलवार सुबह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी आईपीएस के परिवार से मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग की और कहा कि हरियाणा सरकार तमाशा बंद करे।
राहुल गांधी ने कहा कि आईपीएस के परिवार पर प्रेशर डालने की कोशिश की जा रही है। यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार आरोपी अफसरों को गिरफ्तार करे और दिवंगत आईपीएस का अपमान न करे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी एक्शन लेने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आईपीएस वाई पूरन के परिवार को व्यक्तिगत रूप से कमिटमेंट दिया है कि वह मामले में निष्पक्ष जांच करवाएंगे और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अफसोस की बात है कि ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि सीएम ने 3 दिन पहले परिवार से वादा किया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
राहुल गांधी ने कहा कि आईपीएस की 2 बेटियां हैं। उन्होंने अपने पापा को खोया है। ऐसे में वे बहुत दबाव और तनाव से गुजर रही हैं। ये दलित हैं। ऐसे में यह बिल्कुल स्पष्ट है कि 10-15 दिन से नहीं, बल्कि सालों से सिस्टमैटिक ढंग से भेदभाव हो रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि आईपीएस वाई पूरन को डिमोरलाइज करने के लिए, करियर और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए दूसरे अफसर सिस्टमैटिक ढंग से काम कर रहे थे। यह सिर्फ एक परिवार का मामला नहीं है। देश में करोड़ों दलित भाई-बहन हैं। उन्हें गलत मैसेज जा रहा है। उन्हें मैसेज जा रहा है कि आप कितने भी सक्सेसफुल हों, कितने भी इंटेलिजेंट हों, कितने भी सक्षम हों, अगर आप दलित हों तो आपको दबाया, कुचला और फेंका जा सकता है। लेकिन यह हमें स्वीकार नहीं है।
राहुल गांधी ने कहा कि परिवार का संदेश साफ है कि आप हमें सम्मान दीजिए। शव का अपमान मत कीजिए। पहले तो उनका करियर खत्म किया और अब मरने के बाद भी अपमान कर रहे हैं। यह देश के हर दलित भाई-बहन का अपमान है।