क्या आप हाथ धोने का सही तरीका जानते हैं? ‘सुमंक’ विधि अपनाएं और बीमारियों से बचें

सारांश
Key Takeaways
- सुमंक विधि से हाथ धोने का सही तरीका समझें।
- हाथ धोने में 40 सेकंड का समय निकालें।
- बैक्टीरिया और वायरस से बचाव के लिए इसे नियमित रूप से अपनाएं।
- यह विधि फ्लू और कोविड-19 से बचाव में महत्वपूर्ण है।
- स्वच्छता से स्वास्थ्य लागत को कम करने में मदद मिलती है।
नई दिल्ली, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कोविड-19 के प्रकोप के बाद, पर्सनल हाइजीन पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया गया है। इस वर्ष एक बार फिर से कोविड के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसके साथ ही, मानसून के मौसम में अन्य संक्रमण से संबंधित बीमारियां भी सक्रिय हो रही हैं। बैक्टीरिया या वायरस से होने वाली बीमारियों के संक्रमण के प्रसार और रोकथाम में हमारे हाथों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लेकिन, बहुत कम लोग सही तरीके से हाथ धोना जानते हैं। चाहे विश्व स्वास्थ्य संगठन हो या भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय, इनकी ओर से कई बार हाथ धोने के सही तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाई गई है।
नेशनल हेल्थ मिशन (यूपी) के ‘स्वच्छ हाथ, सुरक्षित जीवन’ अभियान ने भी इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की है। इसके तहत बताया गया है कि केवल हाथ धोना ही काफी नहीं है, बल्कि सही तरीके से हाथ धोना आवश्यक है। इसलिए, ‘सुमंक’ विधि को अपनाने की सलाह दी जाती है, जो एक सरल और प्रभावी तरीका है।
अब समझते हैं कि 'सुमंक' क्या है? ‘सुमंक’ अंग्रेजी के अक्षरों ‘SUMANK’ से मिलकर बना है। यह हाथ धोने के 6 स्टेप्स वाले प्रोसेस को दर्शाता है। नेशनल हेल्थ मिशन इस बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।
इसमें 'एस' का अर्थ है 'सीधा'- यानी धोते समय पहले सीधी हथेलियों को बारी-बारी से घिसें।
'यू' का अर्थ है 'उल्टा'- जिसके अनुसार हाथों को उल्टा करके भी बारी-बारी से रगड़ें।
'एम' का अर्थ है 'मुट्ठी'- यानी मुट्ठी बंद करने के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह रगड़ें।
'ए' का अर्थ है 'अंगूठा'- यानी मुट्ठी बंद कर हाथों को रगड़ने के बाद अंगूठों को भी ठीक से रगड़ें।
'एन' का अर्थ है 'नाखून'- यानी अपने नाखूनों को भी अच्छी तरह साफ करें।
'के' का अर्थ है 'कलाई'- यानी अंत में अपनी कलाइयों को भी ठीक से रगड़ें।
इस तरह 'सुमंक' विधि के माध्यम से आप हाथ धोने का सही क्रम आसानी से याद कर सकते हैं और कई बैक्टीरिया या वायरस जनित बीमारियों के प्रसार को रोक सकते हैं।
यूनीसेफ के अनुसार, इन 6 प्रक्रियाओं में कम से कम 40 सेकंड तक साबुन से हाथ धोना चाहिए, फिर साफ पानी से धोकर सुखाना चाहिए।
'सुमंक' विधि से बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगजनकों को प्रभावी ढंग से हटाया जा सकता है। यह विधि फ्लू, कोविड-19 और अन्य संक्रामक रोगों से बचाव में काफी प्रभावी हो सकती है। यह सभी के लिए आवश्यक है, विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों के लिए इसे ध्यान में रखना बहुत महत्वपूर्ण है। 'सुमंक' विधि रक्त प्रवाह में सुधार के साथ-साथ अस्पतालों में होने वाले संक्रमणों को कम करने में भी मददगार है। यह एक सस्ता और सरल उपाय है, जो स्वास्थ्य लागत को भी कम करता है।
स्वच्छ भारत मिशन के अनुसार, सही तरीके से हाथ धोने से बीमारियों से बचा जा सकता है। साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने की आदत डालकर, न केवल स्वस्थ भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं बल्कि कई बीमारियों को भी पनपने से रोक सकते हैं। नियमित रूप से 'सुमंक' विधि अपनाकर कई बीमारियों से बचा जा सकता है।