क्या हजारीबाग में करोड़ों की ज्वेलरी लूट का 24 घंटे में खुलासा हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- हजारीबाग में ज्वेलरी लूट की घटना का 24 घंटे में खुलासा हुआ।
- पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- लूटे गए जेवरात की कुल कीमत डेढ़ करोड़ रुपए है।
- अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
- गिरफ्तार आरोपियों का आपराधिक इतिहास है।
हजारीबाग, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के हजारीबाग जिले के बरही थाना क्षेत्र में 16 नवंबर की रात को हुई ज्वेलर्स से करोड़ों रुपए की सोने-चांदी की लूट की घटना का पुलिस ने 24 घंटे के भीतर खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस वारदात को अंजाम देने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से लगभग डेढ़ करोड़ रुपए मूल्य के लूटे गए जेवरात बरामद किए गए हैं। गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी और बाकी जेवरात की बरामदगी के लिए छापेमारी जारी है।
घटना 16 नवंबर की रात करीब 9 बजे बरही चेकपोस्ट के पास हुई, जब जय माता दी ज्वेलर्स के संचालक ने दुकान बंद करके सोना-चांदी चार बैग में भरकर घर लौट रहे थे। इसी दौरान, दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार अपराधियों ने फायरिंग करते हुए करोड़ों रुपए मूल्य के सोने-चांदी के जेवरात लूट लिए। शिकायत के आधार पर बरही थाना कांड संख्या 439/25, भारतीय न्याय संहिता की धारा 309(4), 27 आर्म्स एक्ट सहित अन्य प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
मामले की जांच के लिए हजारीबाग की पुलिस ने एसआईटी का गठन किया था, जिसने तकनीकी साक्ष्यों, सीसीटीवी फुटेज, मुखबिर सूचना और साइबर सेल की मदद से छापेमारी अभियान चलाया। टीम ने सबसे पहले घटना में शामिल इंद्रजीत चौधरी को बिहार के गया जिले से हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसके आधार पर कई महत्वपूर्ण सुराग मिले।
इसके बाद पुलिस ने बिहार के गया और झारखंड के चतरा के विभिन्न इलाकों में दबिश दी और दो अन्य अपराधियों, धनंजय चौधरी उर्फ छोटू और रोशन यादव, को गिरफ्तार किया। इनके पास से करीब 946 ग्राम सोना, 200 ग्राम पोला, 11.760 किलो चांदी, एक स्कॉर्पियो वाहन, एक केटीएम बाइक, तीन देसी कट्टा, एक देसी कार्बाइन, छह जिंदा कारतूस और दो मोबाइल फोन बरामद किए गए।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार अपराधियों का लंबा आपराधिक इतिहास है। धनंजय चौधरी के खिलाफ बिहार और झारखंड में दर्जनों मामले दर्ज हैं, जबकि रोशन यादव को पहले भी बिहार पुलिस ने कई मामलों में जेल भेजा था। हजारीबाग पुलिस ने कहा कि फरार अन्य अपराधियों और खरीदारों की तलाश जारी है। पुलिस टीम में एसडीपीओ अजीत कुमार विमल और बरही थाना प्रभारी विनोद कुमार सहित 20 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे।