क्या हिमाचल की कांग्रेस सरकार वित्तीय स्थिति से ध्यान भटकाने के लिए जॉब ट्रेनी नीति लाई है? : वीरेंद्र कंवर

सारांश
Key Takeaways
- हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति चिंताजनक है।
- वीरेंद्र कंवर ने जॉब ट्रेनी नीति पर तीखा हमला किया है।
- केंद्र सरकार ने राहत राशि उपलब्ध कराई है।
- युवाओं को दोहरी परीक्षा का सामना करना पड़ेगा।
- कांग्रेस सरकार की नीतियों पर उठ रहे हैं सवाल।
ऊना, 24 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार की ट्रेनी जॉब नीति पर प्रदेश का सियासी तापमान बढ़ गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र कंवर ने प्रदेश सरकार को इस मुद्दे पर घेरा है। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए तीखा तंज कसा, कहकर कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, ऐसे में वित्तीय स्थिति से ध्यान भटकाने के लिए सरकार ने जॉब ट्रेनी पॉलिसी का सहारा लिया है।
नई ट्रेनी पॉलिसी पर कंवर ने सरकार को जोरदार तरीके से घेरते हुए कहा कि सरकारी नौकरी पाने के बाद भी युवाओं को दोहरी परीक्षा की अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के दौरान केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। कंवर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश से केंद्रीय मंत्री और सांसदों ने राज्य का दुख-दर्द प्रधानमंत्री के सामने रखा, जिसके बाद केंद्र सरकार ने हर संभव सहायता प्रदान की।
वीरेंद्र कंवर ने जॉब ट्रेनी पॉलिसी पर कड़ा प्रहार करते हुए बताया कि हाल ही में अनुबंध पर लगे कर्मचारी भी अब ट्रेनी जॉब स्कीम में फंसे नजर आ रहे हैं। पहले एक परीक्षा देकर नौकरी में आए और अब दो साल बाद फिर से परीक्षा देनी होगी। यदि दूसरी परीक्षा पास नहीं की, तो कर्मचारी ट्रेनी ही रहेंगे। इससे न सिर्फ वेतनमान प्रभावित होगा बल्कि पदोन्नति के रास्ते भी बंद हो जाएंगे। प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, और यह जॉब ट्रेनी पॉलिसी इसी समस्या से ध्यान हटाने का प्रयास है।
कंवर ने कहा कि ओपीएस का सपना दिखाकर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार अब कर्मचारियों की उम्मीदों को तोड़ रही है। वित्तीय जानकारी के अभाव में ओपीएस लागू करने के बाद प्रदेश को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा है। इस कारण कांग्रेस सरकार राज्य का विकास नहीं कर पा रही है। कंवर ने कहा कि कर्मचारी इस प्रदेश की रीढ़ हैं और कांग्रेस सरकार उन्हें कमजोर करने की साजिश रच रही है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश में बरसात के मौसम में आए भारी नुकसान और केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई बड़ी राहत राशि पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार हर आपदा के दौरान राज्य की सरकार और जनता के साथ मजबूती से खड़ी रही है। हिमाचल प्रदेश से केंद्रीय मंत्री और सांसदों ने प्रधानमंत्री को हालात की विस्तृत जानकारी दी, जिसके परिणामस्वरूप केंद्र सरकार ने राहत और पुनर्वास के लिए बजट उपलब्ध कराया।