क्या हिमाचल में एनएचएआई अधिकारी से मारपीट के मामले में मंत्री अनिरुद्ध सिंह फंसे?

सारांश
Key Takeaways
- मंत्री अनिरुद्ध सिंह पर एनएचएआई अधिकारी के साथ मारपीट का आरोप।
- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घटना की निंदा की।
- मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से तत्काल कार्रवाई की अपील।
- पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी घटना पर प्रतिक्रिया दी।
- कानून का शासन और सरकारी अधिकारियों की सुरक्षा की आवश्यकता।
नई दिल्ली/शिमला, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश में एनएचएआई अधिकारी के साथ बदसलूकी और मारपीट की घटना में मंत्री अनिरुद्ध सिंह बुरी तरह फंस गए हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी फोन पर बात करके आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। इस बीच, मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है।
मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ पीड़ित अधिकारी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। शिकायत के अनुसार, जब एनएचएआई अधिकारी अचल जिंदल साइट इंजीनियर योगेश के साथ दौरे पर गए थे, तो रास्ते में मंत्री अनिरुद्ध सिंह से उनकी मुलाकात हुई। मंत्री ने एक मुद्दा उठाया, जिस पर इंजीनियर ने जवाब दिया। हालांकि, इससे नाखुश मंत्री ने इंजीनियर के साथ बदसलूकी की।
आरोप है कि मंत्री अनिरुद्ध ने अधिकारी के सिर पर मटका भी फोड़ दिया, जिसके कारण खून बहने लगा। बचाव के दौरान साइट इंजीनियर के साथ भी मारपीट की गई। इस मामले के तूल पकड़ने पर फिलहाल मंत्री अनिरुद्ध के खिलाफ एफआईआर हुई है।
घटना को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "मैं हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री और उनके सहयोगियों की ओर से एनएचएआई अधिकारी अचल जिंदल पर किए गए हमले की निंदा करता हूं। ये न सिर्फ कानून के शासन पर हमला है, बल्कि एक सरकारी अधिकारी पर उनकी ड्यूटी के दौरान हुआ क्रूरतापूर्ण हमला व्यक्तिगत सुरक्षा के साथ-साथ संस्थागत गरिमा को भी गहराई से आहत करता है।"
गडकरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "मैंने मामले पर गंभीरता से संज्ञान लिया है और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की है। सभी अपराधियों के खिलाफ तत्काल और अनुकरणीय कार्रवाई करने का आग्रह किया है। जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए और बिना देरी के न्याय मिलना चाहिए।"
हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, "मंत्री की ओर से पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में एनएचएआई अधिकारियों के साथ मारपीट शर्मनाक है। पुलिस और प्रशासन ने न ही उन्हें बचाया और न ही अस्पताल पहुंचाया। पीड़ित अधिकारी की शिकायत के अनुसार मंत्री खुद इस मामले में शामिल थे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस मामले में संज्ञान लें और कार्रवाई करें।"