क्या हिमाचल प्रदेश में ऊना में बारिश ने तबाही मचाई? लोक निर्माण विभाग को 190 करोड़ का नुकसान

सारांश
Key Takeaways
- ऊना जिले में बारिश के कारण 190 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
- 15 सड़कें अब भी बंद हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित है।
- विभाग युद्धस्तर पर सड़कों की मरम्मत कर रहा है।
- जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं।
- भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए मजबूत योजनाओं की आवश्यकता है।
ऊना, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष का मॉनसून भारी तबाही लेकर आया है, जिसका सबसे अधिक प्रभाव ऊना जिले पर पड़ा है। इस जिले में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को लगभग 190 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जिले की 15 सड़कें अब भी बंद हैं, जिससे स्थानीय जनजीवन प्रभावित हो रहा है। सबसे अधिक प्रभावित बंगाणा मंडल है, जहां 9 सड़कें बंद हैं। इसके अतिरिक्त भरवाईं मंडल में 3, हारोली में 2 और ऊना मंडल में 1 सड़क बंद है। हालांकि, राहत की बात यह है कि दौलतपुर चौक मंडल की सभी सड़कें सुचारू रूप से चल रही हैं।
लोक निर्माण विभाग की टीमें दिन-रात मशीनरी के साथ सड़कों को खोलने और मरम्मत कार्य में जुटी हुई हैं। विभाग के अधीक्षण अभियंता हर्ष पुरी ने बताया कि बंद सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर खोला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विभाग युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है ताकि जनसुविधाएं जल्द से जल्द बहाल की जा सकें। बंद सड़कों के कारण स्थानीय लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे सामान्य जीवन और व्यापारिक गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं।
पिछले वर्ष 2023 में भी ऊना जिले में बरसात ने भारी नुकसान पहुंचाया था। उस समय हुए नुकसान की भरपाई के लिए लोक निर्माण विभाग के स्थानीय वृत्त को 37.23 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की गई थी। इस राशि से प्रभावित सड़कों और अन्य ढांचागत कार्यों की मरम्मत के लिए आदेश जारी किए गए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि इन कार्यों को जल्द शुरू करने की योजना है ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने की तैयारी को और मजबूत किया जा सके।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान का आकलन करने के साथ-साथ प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों को खोलने और बुनियादी सुविधाओं को बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
अधीक्षण अभियंता हर्ष पुरी ने आश्वासन दिया कि विभाग पूरी तत्परता के साथ कार्य कर रहा है और जल्द ही सभी बंद सड़कों को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष की बरसात ने न केवल ऊना, बल्कि पूरे राज्य में भारी तबाही मचाई है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश का पैटर्न बदल रहा है, जिससे भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए मजबूत ढांचागत योजनाओं और त्वरित कार्रवाई की जरूरत है।