क्या पूर्वोत्तर में बीते 11 वर्षों में 1,679 किलोमीटर से अधिक के रेलवे ट्रैक बिछाए गए?

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क्या पूर्वोत्तर में बीते 11 वर्षों में 1,679 किलोमीटर से अधिक के रेलवे ट्रैक बिछाए गए?

सारांश

केंद्र सरकार ने बताया है कि भारतीय रेलवे ने पूर्वोत्तर में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 60 स्टेशनों का रीडेवलपमेंट किया है। 2014 से अब तक 1,679 किलोमीटर से अधिक के रेलवे ट्रैक बिछाने में सफलता हासिल की गई है। यह रेलवे परियोजनाएँ क्षेत्र के विकास और कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

Key Takeaways

  • पूर्वोत्तर में 1,679 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बिछाए गए हैं।
  • 60 रेलवे स्टेशनों का रीडेवलपमेंट किया जा रहा है।
  • सिवोक-रंगपो और दीमापुर-कोहिमा जैसी परियोजनाएँ प्रगति पर हैं।
  • चेनाब और अंजी रेलवे ब्रिज जैसे महत्वपूर्ण ब्रिज का निर्माण।
  • पंबन रेलवे ब्रिज भारत का पहला वर्टिकल-लिफ्ट समुद्री पुल है।

नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने मंगलवार को बताया कि भारतीय रेलवे ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पूर्वोत्तर में 60 स्टेशनों का रीडेवलपमेंट किया जा रहा है और 2014 से अब तक इस क्षेत्र में 1,679 किलोमीटर से अधिक के रेलवे ट्रैक बिछाए गए हैं।

रेलवे मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि पूर्वोत्तर में 2,500 रूट किलोमीटर से ज्यादा का इलेक्ट्रिफिकेशन किया गया है, साथ ही 470 से अधिक रोड ओवरब्रिज और अंडरब्रिज का निर्माण किया गया है।

बैरबी-सैरंग नई लाइन अब पूरी तरह से चालू है, जिससे आइजोल पहली बार रेल नेटवर्क से जुड़ गया है। आइजोल अब पूर्वोत्तर का चौथा राजधानी शहर है जो राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ा है।

मंत्रालय ने कहा, "सिवोक-रंगपो, दीमापुर-कोहिमा और जिरीबाम-इंफाल जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएँ तेजी से प्रगति पर हैं। ये परियोजनाएँ पूर्वोत्तर को देश के अन्य हिस्सों के साथ आर्थिक और सामाजिक रूप से जोड़ने में मदद कर रही हैं।"

रेलवे 21वीं सदी की कुछ सबसे महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर काम कर रहा है। ये परियोजनाएँ राष्ट्रीय एकता को मजबूत कर रही हैं, लॉजिस्टिक्स में सुधार कर रही हैं, और आधुनिक रेलवे नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं।

कठिन इलाकों में बेहतरीन पुलों से लेकर फ्रेट कॉरिडोर और हाई-स्पीड रेल तक, यह भारत की बढ़ती इंजीनियरिंग क्षमताओं और दूरगामी सोच को दर्शाता है।

मंत्रालय ने बताया, "एक महत्वपूर्ण परियोजना उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक है। यह एक अत्यंत रणनीतिक और राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है। लगभग 44,000 करोड़ रुपए की लागत से बनी यह 272 किमी लंबी लाइन हिमालयी क्षेत्र से गुजरती है।"

इस परियोजना में चेनाब रेल ब्रिज शामिल है, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्क ब्रिज है। यह नदी से 359 मीटर ऊँचा है, जो एफिल टॉवर से भी ऊँचा है। यह 1,315 मीटर लंबा स्टील आर्क ब्रिज है जिसे भूकंप और हवा की स्थितियों का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इस परियोजना में अंजी नदी पर भारत का पहला केबल-स्टे रेलवे ब्रिज भी शामिल है, जिसे अंजी रेल ब्रिज के नाम से जाना जाता है। इसमें 36 सुरंगें (119 किमी तक फैली) और 943 पुल शामिल हैं। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक कश्मीर घाटी को हर मौसम में रेल कनेक्टिविटी प्रदान करता है। यह क्षेत्र में मोबिलिटी, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है।

एक और बड़ी उपलब्धि है तमिलनाडु में नया पंबन रेलवे ब्रिज। यह भारत का पहला वर्टिकल-लिफ्ट समुद्री पुल है।

लगभग 550 करोड़ रुपए की लागत से बने इस पुल की लंबाई 2.08 किमी है, जिसमें 100 स्पैन शामिल हैं, जिनमें से 99 स्पैन 18.3 मीटर के और एक मुख्य स्पैन 72.5 मीटर का है।

इस पुल में 333 पाइल्स और 101 पाइल कैप्स वाला एक मजबूत सबस्ट्रक्चर सिस्टम है, जो संरचनात्मक स्थिरता सुनिश्चित करता है। इसमें कुशल लोड वितरण के लिए डिज़ाइन किए गए 99 अप्रोच गर्डर भी शामिल हैं।

यह नया पुल रामेश्वरम को रेल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है, जो एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल और पर्यटन केंद्र है। अपने उन्नत डिज़ाइन और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता को दर्शाते हुए, नए पंबन रेलवे ब्रिज को ब्रिज डिजाइन श्रेणी में प्रतिष्ठित स्टील स्ट्रक्चर्स एंड मेटल बिल्डिंग्स अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया है।

Point of View

मैं यह कह सकता हूँ कि भारतीय रेलवे की ये परियोजनाएँ न केवल पूर्वोत्तर क्षेत्र की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ये देश के अन्य हिस्सों के साथ एकता और समर्पण का प्रतीक भी हैं। यह कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रही हैं।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

कितने रेलवे ट्रैक पूर्वोत्तर में बिछाए गए हैं?
पूर्वोत्तर में 1,679 किलोमीटर से अधिक के रेलवे ट्रैक बिछाए गए हैं।
अमृत भारत स्टेशन योजना क्या है?
यह योजना रेलवे स्टेशनों के रीडेवलपमेंट के लिए है, जिसमें पूर्वोत्तर के 60 स्टेशनों का विकास शामिल है।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक का क्या महत्व है?
यह परियोजना कश्मीर घाटी को हर मौसम में रेल कनेक्टिविटी प्रदान करती है और क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देती है।
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