क्या एनआईए ने छत्तीसगढ़ में विस्फोटक सप्लाई मामले में 5 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की?
सारांश
Key Takeaways
- एनआईए ने माओवादी संगठन के खिलाफ ठोस कार्रवाई की है।
- चार्जशीट में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं।
- गिरफ्तार आरोपी मनीष सोढ़ी है, जबकि अन्य आरोपी फरार हैं।
- मामले में विस्फोटक सामग्री की सप्लाई का जिक्र है।
- इस मामले में सुरक्षा बलों की तैयारी को दर्शाता है।
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) संगठन को विस्फोटक सामग्री की सप्लाई करने के मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की है।
इस मामले में एक गिरफ्तार आरोपी और चार फरार आरोपी सम्मिलित हैं। जगदलपुर की एनआईए विशेष अदालत में मंगलवार को प्रस्तुत इस चार्जशीट में सभी आरोपियों पर विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
गिरफ्तार आरोपी मनीष सोढ़ी उर्फ हुर्रा को इस वर्ष जुलाई में एनआईए द्वारा पकड़ा गया था। फरार आरोपियों में सोढ़ी केसा, मनीला, मदकम केसा और सोढ़ी लखमा का नाम शामिल है। सभी आरोपी सुकमा जिले के निवासी हैं। एनआईए की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि ये लोग प्रतिबंधित माओवादी संगठन के लिए विस्फोटक और अन्य संवेदनशील सामग्री की खरीद और वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे।
यह सामग्री सीपीआई (माओवादी) की पीएलजीए बटालियन नंबर एक के सदस्यों और जगरगुंडा क्षेत्र में सक्रिय कैडरों तक पहुंचाई जानी थी। इन सामग्रियों का उपयोग सुरक्षा बलों पर हमले के लिए आईईडी बनाने में किया जाने वाला था।
यह मामला मूल रूप से 25 सितंबर 2024 को छत्तीसगढ़ पुलिस ने दर्ज किया था। पुलिस ने उस समय दो आरोपियों, मंतोष मंडल और एस. नागार्जुन, को गिरफ्तार किया और उनके पास से टिफिन बम, डेटोनेटर, पोटेशियम नाइट्रेट, एल्यूमीनियम पाउडर, पैकेजिंग सामग्री, नक्सली साहित्य और मोबाइल फोन जैसी आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद की थीं। पूछताछ और आगे की जांच से आतंकी फंडिंग और सप्लाई चेन का पता चला। दिसंबर 2024 में एनआईए ने मामला अपने हाथ में लिया और अब तक कुल सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है।
जांच एजेंसी का कहना है कि माओवादी संगठन सुरक्षा बलों के खिलाफ आतंकी गतिविधियां जारी रखने का प्रयास कर रहा है, लेकिन ऐसी सप्लाई चेन को तोड़ने के प्रयास तेज किए गए हैं।