क्या आंध्र प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 30 सितंबर तक चलेगा?

सारांश
Key Takeaways
- आंध्र प्रदेश विधानसभा का सत्र 30 सितंबर तक जारी रहेगा।
- सदन में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी।
- वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने सत्र में भाग नहीं लिया।
- बीएसी द्वारा कई विषयों पर चर्चा का निर्णय लिया गया है।
- मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को सदन में उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
अमरावती, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश विधानसभा का सत्र आज गुरुवार को प्रारंभ हुआ और यह 30 सितंबर तक जारी रहेगा।
सदन में 20, 21 और 28 सितंबर को अवकाश रहेगा। सदन का संचालन प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा।
यह निर्णय विधानसभा अध्यक्ष चिंताकयाला अय्याना पात्रुडू की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में लिया गया।
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, विधायी कार्य मंत्री प्यवुला केशव और नागरिक आपूर्ति मंत्री नादेंदला मनोहर (जो जन सेना और भाजपा का प्रतिनिधित्व करते हैं), बैठक में उपस्थित रहे।
गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने वाली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने सदन में चर्चा के लिए 18 मुद्दे पेश किए। जबकि भाजपा ने 9 मुद्दे प्रस्तुत किए।
मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे प्रश्नकाल और शून्यकाल के दौरान सदन में उपस्थित रहें।
बीएसी में लिए गए निर्णयों के अनुसार, 19 सितंबर को जल संसाधन और 22 सितंबर को कानून-व्यवस्था पर चर्चा होगी।
बीएसी ने 23 सितंबर को जन स्वास्थ्य, 24 सितंबर को उद्योग, 25 सितंबर को सुपर-6, 26 सितंबर को क्वांटम वैली, 27 सितंबर को लॉजिस्टिक्स, 29 सितंबर को स्वर्णांध्र और 30 सितंबर को रायलसीमा, तटीय क्षेत्र और उत्तरी आंध्र के विकास पर चर्चा करने का निर्णय लिया है।
विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी बीएसी की बैठक में उपस्थित नहीं हुई क्योंकि पार्टी अपने नेता वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी को विपक्ष के नेता का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर विधानसभा सत्र में भाग नहीं ले रही है।
जगन मोहन रेड्डी ने कहा है कि जब तक उन्हें विपक्ष के नेता (एलओपी) का दर्जा नहीं दिया जाता, तब तक विधानसभा सत्र में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि पार्टी को लोगों के मुद्दे उठाने के लिए पर्याप्त समय तभी मिलेगा जब उसे मुख्य विपक्ष का दर्जा मिलेगा। जनता की आवाज को विपक्षी दल को उठाना चाहिए और यदि वे लोकतंत्र का सम्मान नहीं करते, तो यह उनकी नासमझी है।
वाईएसआरसीपी प्रमुख ने यह भी बताया कि विपक्ष के नेता के दर्जे से जुड़ा मामला उच्च न्यायालय में लंबित है।
जगन ने पिछले साल जुलाई में एक याचिका दायर कर राज्य सरकार से उन्हें विपक्ष का नेता नियुक्त करने का निर्देश देने की मांग की थी।
विधान परिषद का सत्र भी आज गुरुवार को शुरू हुआ।