क्या आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने सीजेआई बीआर गवई पर हमले की निंदा की?

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क्या आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने सीजेआई बीआर गवई पर हमले की निंदा की?

सारांश

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने सीजेआई बीआर गवई पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है। इस घटना को लेकर उनके विचार और न्यायपालिका की गरिमा के महत्व पर चर्चा की गई है।

Key Takeaways

  • मुख्य न्यायाधीश पर हमला न्यायपालिका की गरिमा को चुनौती देता है।
  • आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कड़ी निंदा की।
  • सभी नेताओं ने एकजुटता दिखाई है।
  • न्यायपालिका को डराने-धमकाने के प्रयास अस्वीकृत हैं।
  • हमारे लोकतंत्र की अखंडता बनाए रखना आवश्यक है।

अमरावती, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई पर हुए हमले की निंदा की।

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मैं भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। इस तरह की हरकतें अस्वीकृत हैं और एक सभ्य एवं लोकतांत्रिक समाज में इनका कोई स्थान नहीं है। हमारी न्यायपालिका की गरिमा को बनाए रखना हमारे लोकतंत्र के कामकाज का मूल आधार है।"

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने भी हमले की निंदा की। सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा, "देश के न्यायिक स्तंभ के सर्वोच्च पदाधिकारी पर हमला करने और उन्हें धमकाने के इस कायराना प्रयास की निंदा शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। यह हमारे देश के इतिहास का एक काला दिन है। मैं सभी नागरिकों के साथ हमारे निडर मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के प्रति एकजुटता व्यक्त करता हूं, जिन्होंने बहादुरी से घोषणा की कि वे ऐसे कायराना हमलों से न तो डरेंगे और न ही झुकेंगे।"

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी हमले की निंदा की। पवन कल्याण ने पोस्ट में लिखा, "मुख्य न्यायाधीश पर हमले का प्रयास बेहद परेशान करने वाला है और हम इस कृत्य की बिना शर्त निंदा करते हैं। सनातन ज्ञान व्यवहार (कानून का पालन) और संवैधानिक सम्मान को सर्वोपरि मानता है।"

उन्होंने आगे कहा, "हमारे प्राचीन ग्रंथ सिखाते हैं कि न्याय प्रक्रिया से प्राप्त होता है, आवेश से नहीं। हम ऐसी किसी भी कार्रवाई का विरोध करते हैं जो कानून-व्यवस्था के लिए खड़े लाखों सनातनियों के संकल्प को शर्मसार करे। जनसेना मुख्य न्यायाधीश के पद की गरिमा के साथ पूरी तरह खड़ी है।"

पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने भी इस हमले को अपमानजनक और बेहद परेशान करने वाला बताया। उन्होंने कहा, "भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर सर्वोच्च न्यायालय में हुआ यह अपमानजनक हमला बेहद परेशान करने वाला है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। यह न केवल एक व्यक्ति पर हमला है, बल्कि हमारी सर्वोच्च न्यायिक संस्था की गरिमा का भी अपमान है। हमें अपनी संस्थाओं की अखंडता को बनाए रखने के लिए एकजुट होना चाहिए, साथ ही परिपक्वता और जिम्मेदारी के साथ आचरण करना चाहिए।"

आंध्र प्रदेश के मानव संसाधन विकास मंत्री नारा लोकेश ने भी हमले की निंदा की। लोकेश ने लिखा, "मुझे अभी-अभी भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हुए शर्मनाक और कायराना हमले के बारे में पता चला। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। न्यायपालिका को डराने-धमकाने के ऐसे प्रयासों का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है और इनसे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।"

Point of View

बल्कि पूरे लोकतंत्र की नींव को भी हिलाने वाली है। नेताओं ने सही कहा है कि हमें अपनी संस्थाओं की अखंडता बनाए रखनी चाहिए और इस प्रकार की घटनाओं की कड़ी निंदा करनी चाहिए।
NationPress
06/10/2025

Frequently Asked Questions

मुख्य न्यायाधीश पर हमला क्यों हुआ?
मुख्य न्यायाधीश पर हमला न्यायपालिका की गरिमा को चुनौती देने के लिए किया गया था, जो कि देश के लोकतंत्र के लिए बेहद चिंताजनक है।
मुख्यमंत्रियों ने इस हमले पर क्या प्रतिक्रिया दी?
मुख्यमंत्रियों ने इस हमले की कड़ी निंदा की और न्यायपालिका की गरिमा को बनाए रखने की ज़रूरत जताई।