कोलकाता चिड़ियाघर में दो बाघिनों की रहस्यमय मौत? बंगाल सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू ने जांच के आदेश दिए

सारांश
Key Takeaways
- दो बाघिनों की रहस्यमय मौत
- उम्र के कारण मौत का दावा
- जांच का आदेश
- वन्यजीव प्रेमियों की चिंताएँ
- अलीपुर चिड़ियाघर में विवाद
कोलकाता, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के मुख्य वन्यजीव वार्डन (सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू) ने दक्षिण कोलकाता के अलीपुर में स्थित प्रतिष्ठित प्राणी उद्यान में दो वयस्क बाघिनों की मौत की गहन जांच का आदेश दिया है।
दोनों बाघिनों की मृत्यु मंगलवार और बुधवार की रात में मात्र 24 घंटों के भीतर हुई।
हालांकि राज्य वन विभाग ने आधिकारिक रूप से बताया है कि इन बाघिनों की मृत्यु उनकी बढ़ती उम्र के कारण हुई, फिर भी इतनी जल्दी हुई मौत के बीच संदेह उत्पन्न हो रहा है। कई वन्यजीव प्रेमी इसे अप्राकृतिक मौत मान रहे हैं।
इस विवाद के चलते, पश्चिम बंगाल के वन्यजीव कल्याण विभाग ने मामले की विस्तृत जांच और एक अलग समिति के गठन को अनिवार्य किया है।
मृत दोनों बाघिनों के नाम पायल और रूपा हैं। इनमें से रूपा एक एल्बिनो बाघिन थी। सबसे पहले मंगलवार रात को पायल की मृत्यु हुई, जबकि रूपा की बुधवार रात को हुई। रूपा की आयु 21 वर्ष और पायल की 17 वर्ष थी।
राज्य वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "बाघिनों के शवों को उनकी मृत्यु के सही कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। विसरा परीक्षण भी किया जाएगा।"
पायल को 2016 में ओडिशा के नंदनकानन से अलीपुर चिड़ियाघर लाया गया था। चिड़ियाघर के एक जानकार ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से वह उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थी और उसका खान-पान अनियमित हो गया था।
एक सूत्र ने बताया, "उस समय उसकी अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी जांच हुई और फिर कुछ समय तक उसका इलाज चला। उस पर इलाज का असर भी होने लगा था। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में उसकी स्थिति बिगड़ने लगी और अंततः मंगलवार को उसकी मृत्यु हो गई।"
दूसरी ओर, अल्बिनो बाघिन रूपा का जन्म अलीपुर चिड़ियाघर में ही हुआ था। उसकी मां कृष्णा और पिता अनिर्बान थे, जो एक अल्बिनो बाघ थे। सूत्र ने बताया, "वह भी उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थी, कुछ महीने पहले उसका एक पैर लकवाग्रस्त हो गया था।"
अलीपुर चिड़ियाघर पिछले कुछ महीनों से दो कारणों से विवादों में रहा है।
पहला कारण वहां से जानवरों के गायब होने के आरोप थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, कोलकाता के अलीपुर चिड़ियाघर से रातोंरात 321 जानवर गायब हो गए थे।
दूसरा विवाद उन आरोपों को लेकर था कि पश्चिम बंगाल सरकार अलीपुर चिड़ियाघर की जमीन को अवैध रूप से निजी उद्यमियों को औने-पौने दामों पर बेचने की कोशिश कर रही है। इसी महीने, कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि अगले अदालती आदेश तक इस प्राणी उद्यान की भूमि का व्यावसायिक उपयोग नहीं किया जा सकता।
पश्चिम बंगाल सरकार पर अलीपुर चिड़ियाघर की जमीन को अवैध रूप से बेचने का आरोप सबसे पहले राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि शहर के उस प्रमुख स्थान को औने पौने दाम पर बेचने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।