क्या बेंगलुरु में मेट्रो किराए में कटौती की जरूरत है?
सारांश
Key Takeaways
- बेंगलुरु में मेट्रो किराए में कटौती की मांग की गई है।
- हर दिन 55 लाख लोग सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर रहे हैं।
- सरकार को मेट्रो किराए में कमी लाने की आवश्यकता है।
- सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने के लिए सस्ते किराए जरूरी हैं।
- ब्लू लाइन का निर्माण 2026 में आंशिक रूप से पूरा होगा।
बेंगलुरु, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बेंगलुरु दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या ने बुधवार को बेंगलुरु में मेट्रो किरायों में तुरंत कटौती करने की अपील की।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में करीब 10 लाख लोग प्रतिदिन मेट्रो का उपयोग करते हैं, जबकि 45 लाख लोग बेंगलुरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) की बसों पर निर्भर हैं। यानी कुल 55 लाख नागरिक पहले से ही सार्वजनिक परिवहन का सहारा ले रहे हैं।
तेजस्वी सूर्या ने कहा कि सरकार को किराए में कमी लानी चाहिए।
उन्होंने मेट्रो किराए में वृद्धि की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि कोनानाकुंटे से ओरियन मॉल तक चार सदस्यों के परिवार का एकतरफा मेट्रो यात्रा का किराया 280 रुपये है, जबकि निजी वाहन से यात्रा करने पर यह केवल 160 रुपये है। हालांकि, कार से यात्रा में 75 मिनट का समय लगता है। क्या हमें सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा नहीं देना चाहिए?
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "यदि कोई जोड़ा लालबाग से ओरियन मॉल तक मेट्रो से यात्रा करता है, तो उसका किराया 100 रुपये है और इसे 25 मिनट लगते हैं। बाइक से यात्रा का खर्च केवल 30 रुपये है। क्या मेट्रो का किराया ऐसा होना चाहिए कि ज्यादा लोग इसका उपयोग करें?"
हवाई अड्डे तक जाने वाली ब्लू लाइन का निर्माण पहले 2024 में पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन अब यह 2026 में आंशिक रूप से और 2027 में पूरी तरह से तैयार होने की बात हो रही है। असली स्थिति क्या होगी, यह तो भगवान ही जानता है।
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने सरजापुर-हेब्बल मेट्रो लाइन के समान सुरंग सड़क का प्रस्ताव पेश किया है। मेट्रो का कार्य 2031 तक पूरा करने की योजना है, लेकिन सुरंग परियोजना की DPR भी अब तक लंबित है। सरजापुर-हेब्बल मेट्रो प्रति घंटे 69,000 यात्रियों को ले जा सकती है, लेकिन सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है। वे केवल 1,800 कार मालिकों की सेवा करना चाहते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि जब लोग पूछते हैं कि सांसद क्या कर रहे हैं, तो मैं आपको याद दिलाता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के पहले 100 दिनों में ही हमें जेपी नगर-केम्पापुरा ऑरेंज लाइन के लिए DPR की मंजूरी मिल गई थी, लेकिन डेढ़ साल बाद भी कोई टेंडर नहीं निकला है।