क्या राजस्थान में बम धमकी से हड़कंप मच गया?
सारांश
Key Takeaways
- राजस्थान में बम धमकी का मामला गंभीर है।
- सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत कार्रवाई की।
- अभी तक कोई विस्फोटक नहीं मिला।
- सरकार ने सुरक्षा बढ़ाई है।
- धमकी संभवतः फर्जी है।
जयपुर, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान में सोमवार को बम धमकी ने अफरा-तफरी का माहौल बना दिया। कोटा कलेक्टर ऑफिस, कोटा के एक प्रमुख कोचिंग संस्थान और जयपुरराजस्थान हाईकोर्ट को ईमेल के माध्यम से धमकी दी गई। इसके तुरंत बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गईं। सभी स्थानों पर सुरक्षा घेराबंदी की गई और व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।
अधिकारियों के अनुसार, धमकी वाला ईमेल कोटा कलेक्टर के आधिकारिक पते पर भेजा गया। इसमें लिखा था, "कोटा कलेक्टर ऑफिस और जवाहर नगर स्थित शिखर कोचिंग सेंटर को आरडीएक्स बम से उड़ाया जाएगा।"
सुबह लगभग 7:20 बजे प्राप्त इस ईमेल के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की। कलेक्टर ऑफिस और कोचिंग सेंटर को तुरंत खाली कराया गया। मौके पर पुलिस, बम डिटेक्शन और डिस्पोजल स्क्वाड, डॉग स्क्वाड और सेना के जवान तैनात किए गए। हर कोने की गहन जांच की जा रही है।
कोटा कलेक्टर पियूष समारिया ने पुष्टि की कि धमकी वाले ईमेल में खुद को केरल का निवासी बताने वाले आरोपी ने जिम्मेदारी भी ली है।
इसी तरह राजस्थान हाईकोर्ट, जयपुर में भी ईमेल के माध्यम से धमकी भेजी गई थी। कोर्ट परिसर में तुरंत सुरक्षा बढ़ा दी गई और तलाशी अभियान शुरू किया गया। अभी तक किसी भी स्थान से विस्फोटक या संदिग्ध सामान नहीं मिला है। अधिकारियों का कहना है कि यह एक समन्वित फर्जी धमकी हो सकती है, जिसका उद्देश्य दहशत फैलाना है।
राजस्थान में धमकी का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। 3 दिसंबर को जयपुर कलेक्टरेट को धमकी मिली थी। 4 दिसंबर को अजमेर कलेक्टरेट और गरीब नवाज दरगाह को ईमेल से धमकी भेजी गई थी। 5 दिसंबर को राजस्थान हाईकोर्ट, जयपुर को बम की धमकी दी गई थी।
इसके बावजूद किसी भी स्थान पर विस्फोटक नहीं मिला, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि ये धमकियां डर फैलाने के उद्देश्य से भेजी जा रही हैं।
गृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार, धमकी से जुड़े सभी ईमेल विदेशी वीपीएन सर्वर के माध्यम से भेजे गए हैं। कई सर्वर उन देशों के हैं, जिनके साथ भारत की जांच संबंधी संधि नहीं है। ऐसे में ईमेल भेजने वाले का पता लगाना चुनौती बन गया है।
केंद्रीय एजेंसियों को जांच में शामिल किया गया है और साइबर टीम डिजिटल फुटप्रिंट की छानबीन कर रही है।
सरकार ने सभी सरकारी इमारतों में सुरक्षा बढ़ा दी है। लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें लेकिन अफवाहों या डर का माहौल न बनने दें।