क्या कैबिनेट ने मार्केटिंग सीजन 2026-27 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी को मंजूरी दी?

सारांश
Key Takeaways
- रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि का निर्णय
- किसानों को उचित मूल्य दिलाने में मदद करेगा
- सैफफ्लावर के लिए सबसे अधिक बढ़ोतरी
- क्रियान्वयन से उत्पादन में विविधता आएगी
- 2018-19 के केंद्रीय बजट से मेल खाता है
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बनी आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने बुधवार को मार्केटिंग सीजन 2026-27 के लिए सभी आवश्यक रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को स्वीकृति दी। इस निर्णय से किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य प्राप्त होगा।
सैफफ्लावर (कुसुम) के लिए प्रति क्विंटल 600 रुपए की वृद्धि के साथ सबसे अधिक एमएसपी घोषित किया गया है, इसके बाद मसूर के लिए प्रति क्विंटल 300 रुपए की वृद्धि की गई है। रेपसीड और सरसों के लिए प्रति क्विंटल 250 रुपए, चना के लिए प्रति क्विंटल 225 रुपए, जौ के लिए प्रति क्विंटल 170 रुपए और गेहूं के लिए 160 रुपए की वृद्धि की गई है।
इस 2026-27 मार्केटिंग सीजन के लिए अनिवार्य रबी फसलों के एमएसपी में यह बढ़ोतरी, 2018-19 के केंद्रीय बजट में की गई घोषणा के अनुरूप है, जिसमें कहा गया था कि एमएसपी को भारत में उत्पादन की औसत लागत का कम से कम 1.5 गुना तय किया जाए।
भारत में उत्पादन की औसत लागत पर गेहूं के लिए 109 प्रतिशत का लाभ, इसके बाद रेपसीड और सरसों के लिए 93 प्रतिशत, दाल के लिए 89 प्रतिशत, चना के लिए 59 प्रतिशत, जौ के लिए 58 प्रतिशत और सरसों के तेल के बीज के लिए 50 प्रतिशत लाभ की उम्मीद है। इस बढ़े हुए एमएसपी से किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और फसल की विविधता को बढ़ावा मिलेगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इन फसलों की उत्पादन लागत में मजदूरी, किराए की जमीन, बीज, खाद, सिंचाई शुल्क, उपकरणों और कृषि भवनों का मूल्यह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सेट चलाने के लिए डीजल/बिजली आदि पर खर्च, अन्य खर्च और परिवार के सदस्यों की मजदूरी शामिल है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य बुआई के मौसम से पहले घोषित किए जाते हैं ताकि किसान अपनी आय को अधिकतम करने के लिए अपनी फसल की योजना बना सकें।
इस बीच, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2024-25 में चावल, गेहूं, मक्का, मूंगफली और सोयाबीन का रिकॉर्ड उत्पादन किया है।
देश में खरीफ अनाज का उत्पादन 1663.91 लाख मीट्रिक टन और रबी अनाज का उत्पादन 1645.27 लाख मीट्रिक टन रहने का अनुमान है।