क्या सीएम स्टालिन पर भाजपा नेता वानति श्रीनिवासन ने 'धार्मिक भेदभाव' और 'दोहरे मापदंड' का आरोप लगाया?
सारांश
Key Takeaways
- वानति श्रीनिवासन ने सीएम स्टालिन पर भेदभाव का आरोप लगाया।
- मुख्यमंत्री की हिंदू त्योहारों में अनुपस्थिति पर सवाल उठाया गया।
- राजनीतिक विवाद ने तमिलनाडु में बहस को जन्म दिया।
चेन्नई, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के द्वारा क्रिसमस समारोह में दिये गए बयान ने राजनीति में उबाल ला दिया है। कोयंबटूर दक्षिण की विधायक और भाजपा की वरिष्ठ नेता वानति श्रीनिवासन ने सीएम स्टालिन पर हिंदुओं के प्रति भेदभाव का आरोप लगाया है और हिंदू त्योहारों में उनकी अनुपस्थिति पर सवाल उठाए हैं।
वानति श्रीनिवासन का कहना है कि राज्य के मुख्यमंत्री में धार्मिक भेदभाव की भावना है और उनके बयान ने धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने दीपावली, विनायक चतुर्थी और थाईपुसम जैसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में उनकी अनुपस्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा, "वह हिंदू त्योहारों पर शुभकामनाएं भी नहीं देते हैं। डीएमके का शासन इस तरह के भेदभाव को दर्शाता है।" विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष की भी आलोचना की, क्योंकि उन्होंने सदन में गंभीर मुद्दों पर चर्चा की अनुमति नहीं दी थी।
थाईपुसम के संदर्भ में, उन्होंने मुख्यमंत्री को भगवान मुरुगन के उत्सव में भाग लेने की चुनौती दी है। ज्ञात हो कि भगवान मुरुगन, भगवान कार्तिकेय का रूप हैं, जिनकी दक्षिण भारत में सबसे अधिक पूजा होती है। वानति ने सरकार के मंदिरों के प्रशासन पर भी हमला किया, यह कहते हुए कि मरम्मत का कार्य राज्य सरकार नहीं, बल्कि भक्तों के दान और चढ़ावे से होता है।
उन्होंने हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग पर आरोप लगाया कि वे रिश्वत मांगते हैं और हिंदू भक्तों को बिना मंजूरी के 'कुंभाभिषेकम' जैसे पारंपरिक अनुष्ठान करने से रोकते हैं। उन्होंने कहा, "ये हर धर्म के साथ समान व्यवहार के संकेत नहीं हैं, और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए खुद डीएमके जिम्मेदार है।"
वानति ने कहा कि क्रिसमस की सभा में ईशा मसीह और शांति का संदेश फैलाने के बजाय, मुख्यमंत्री ने धार्मिक कलह को बढ़ाने का काम किया है। इस तरह के बंटवारे वाली बातें करके, उन्होंने एक बार फिर खुद को हिंदुओं का दुश्मन साबित किया है और उनके द्वारा दिए गए बयान बेहद निंदनीय हैं।
ज्ञात रहे कि 20 दिसंबर को पलायमकोट्टई में हुए क्रिसमस समारोह में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा था कि उनकी पार्टी और सरकार सभी धर्मों की जरूरतों को बिना भेदभाव के पूरा करती है और ऐसे विकास कार्य करती है जो "कुछ समूहों" को परेशान करते हैं जो तमिलनाडु की शांति भंग करना चाहते हैं। उन्होंने जनता को उन लोगों से सावधान रहने की चेतावनी भी दी जो राजनीतिक मकसद से धार्मिक भावनाओं को भड़काते हैं।