क्या हन्नान मोल्लाह ने भाजपा से पूछा, कितने घुसपैठियों को देश से निकाला?
सारांश
Key Takeaways
- हन्नान मोल्लाह ने भाजपा के दृष्टिकोण की आलोचना की है।
- संघ को एक संकीर्ण दृष्टिकोण से देखा जाता है।
- धार्मिक त्योहारों का सम्मान जरूरी है।
- भाजपा का घुसपैठियों पर बयान केवल एक बहाना है।
- ग्रामीण रोजगार को खत्म करने की कोशिश हो रही है।
नई दिल्ली, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सीपीआई(एम) नेता हन्नान मोल्लाह ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा के दृष्टिकोण से संघ को नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि संघ को देखने का एकमात्र दृष्टिकोण भाजपा का है, जो अक्सर उन लोगों से जुड़ा होता है जिन्हें अंधभक्त कहा जाता है।
नई दिल्ली में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में हन्नान मोल्लाह ने कहा कि संघ को संकीर्ण दृष्टिकोण से देखा जाता है क्योंकि यह हिटलर के विचारों से प्रेरित एक फासीवादी संगठन है और लोकतंत्र में विश्वास नहीं करता। संघ विविधता में विश्वास नहीं करता, धर्मों की समानता में विश्वास नहीं करता, और हिंसा में विश्वास करता है। भाजपा और संघ का दृष्टिकोण एक जैसा है। संघ करोड़ों रुपए खर्च करता है, लेकिन उसका हिसाब नहीं होता।
तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी के बयान 'सोनिया गांधी की वजह से आज हम यहां क्रिसमस मना रहे हैं' पर हन्नान मोल्लाह ने कहा कि यह गलत बयान है। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व को सभी धार्मिक त्योहारों का सम्मान करना चाहिए। इसे किसी एक व्यक्ति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। यह सिर्फ एक बेतुका बयान है।
टीएमसी नेता के बंगाल में हिंदू मंदिर बनाने के दावे पर हन्नान मोल्लाह ने कहा कि करोड़ों लोगों के पास घर नहीं हैं, गरीबों के पास कुछ नहीं है, लेकिन भगवान का घर बनाने में व्यस्त हैं। इसमें कोई पुण्य नहीं है। यह एक प्रकार की बर्बरता है। भगवान के नाम पर खर्च करना, जनता को लड़ाना, दंगा कराना और राज करना।
पीएम मोदी के घुसपैठियों वाले बयान पर हन्नान मोल्लाह ने कहा कि उनकी सरकार में कितने घुसपैठियों को बाहर भेजा गया। यह एक बहाना है। घुसपैठ के नाम पर सत्ता में आए, लेकिन कितने बाहर निकाले? 100-200 भी नहीं निकाल पाए। असम में आंदोलन हुआ, पूरी दुनिया में बात फैली, लेकिन कितने घुसपैठिए निकाले? यह सब भाजपा का एक एजेंडा है।
उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में 100-200 लोग आ सकते हैं, लेकिन नीति-शासन को प्रभावित नहीं कर सकते। भाजपा इस मुद्दे के तहत सत्ता चाहती है। भारत में घुसपैठियों को लेकर कानून है।
‘जी राम जी’ बिल पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के बयान को लेकर हन्नान मोल्लाह ने कहा कि हिंदुस्तान में 50 करोड़ किसान और कृषि-मजदूरी करने वाले मजदूर हैं। एक शब्द में कहें तो केंद्र सरकार ग्रामीण रोजगार को खत्म करना चाहती है। गांधी के नाम को हटा दिया गया। मनरेगा एक बहुत अच्छी योजना थी। मजदूर 600 रुपए और 200 दिन का काम मांग रहे थे। कृषि मजदूर लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन जी राम जी बिल लाया गया। मुझे लगता है कि इसे धीरे-धीरे खत्म कर दिया जाएगा। 125 दिन की मजदूरी भी नहीं मिलेगी।