क्या हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 6 लाख बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का अभियान शुरू किया?
सारांश
Key Takeaways
- पल्स पोलियो अभियान का उद्देश्य बच्चों को पोलियो से सुरक्षित रखना है।
- मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की योजनाओं की घोषणा की।
- 6 लाख बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाए जाएंगे।
- आधुनिक तकनीक का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं में किया जाएगा।
शिमला, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के अवसर पर राजधानी शिमला से पोलियो ड्रॉप्स पिलाकर राज्य-स्तरीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की। सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
शून्य से पांच वर्ष की आयु के लगभग छह लाख बच्चों को 5,793 पोलियो बूथों पर 11,706 टीमें पोलियो ड्रॉप्स पिलाएंगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्राइमरी हेल्थ सेंटर से लेकर मेडिकल कॉलेज तक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत कर रही है।
उन्होंने घोषणा की कि शिमला के पास चमियाना में अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटीज में एक एडवांस्ड पीडियाट्रिक सेंटर का निर्माण किया जाएगा।
यह सेंटर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ बच्चों को विश्वस्तरीय इलाज की सुविधाएं प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि 70 वर्ष से अधिक उम्र के सीनियर सिटिजन के लिए अस्पतालों में स्पेशल ओपीडी कंसल्टेशन स्लॉट शुरू किए जाएंगे ताकि उन्हें इंतजार न करना पड़े और समय पर तथा आसान इलाज मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों को प्राथमिकता दे रही है।
सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने के लिए विश्वस्तरीय तकनीक और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग में सभी खाली पदों को धीरे-धीरे भरा जा रहा है।
सीएम सुक्खू ने कहा कि इंटेंसिफाइड पल्स पोलियो अभियान का उद्देश्य राज्य को पोलियो मुक्त बनाए रखना है।
उन्होंने बताया कि 22 और 23 दिसंबर को मॉप-अप डे मनाए जाएंगे, जिसके दौरान छूटे हुए बच्चों, प्रवासी परिवारों और उच्च-जोखिम वाले क्षेत्रों को कवर करने के लिए घर-घर जाकर जांच की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य भर के सभी जिलों में सभी आवश्यक वैक्सीन, कोल्ड-चेन उपकरण और अन्य लॉजिस्टिक्स पहले ही सप्लाई किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में आधुनिक तकनीक को सबसे अधिक प्राथमिकता दी है।
एक ऐतिहासिक पहल के तहत चमियाना में अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटीज और कांगड़ा जिले के टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों से लेकर सिविल अस्पतालों तक पुरानी मशीनें बदली जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एमआरआई, सीटी स्कैन और एक्स-रे मशीनें लगाने पर लगभग 3,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।