क्या तुलसी जल अपच, सर्दी-जुकाम समेत कई रोगों का इलाज कर सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- तुलसी जल पाचन में सुधार करता है।
- यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।
- रोजाना सेवन से तनाव कम होता है।
- आपका शरीर डिटॉक्स होता है।
- तुलसी जल में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
नई दिल्ली, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सुबह की सकारात्मक शुरुआत पूरे दिन की ताजगी और सेहत को निर्धारित करती है। अधिकांश लोग दिन की शुरुआत गर्म पानी, चाय या अन्य पेय से करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, रोजाना सुबह खाली पेट तुलसी जल जैसी हर्बल ड्रिंक का सेवन करना अत्यंत फायदेमंद है। यह न केवल शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है बल्कि प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मज़बूत बनाता है।
तुलसी को आयुर्वेद में पवित्र और औषधीय गुणों वाली जड़ी-बूटी माना जाता है। तुलसी जल एक सरल आयुर्वेदिक हर्बल ड्रिंक है, जो तुलसी की पत्तियों से तैयार किया जाता है। इसे रोजाना सुबह खाली पेट पीने से शरीर को कई लाभ मिलते हैं।
तुलसी जल शरीर की पाचन अग्नि को सक्रिय करता है, जिससे भोजन का पाचन बेहतर होता है। यह पेट को हल्का रखता है और कब्ज तथा गैस जैसी समस्याओं से राहत प्रदान करता है। इसके सेवन से वजन नियंत्रित रहता है और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि तुलसी जल पूरे शरीर को भीतर से डिटॉक्स करता है, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि तुलसी जल के नियमित सेवन से अनगिनत लाभ होते हैं।
तुलसी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। इससे सर्दी-खांसी और संक्रमण से बचाव होता है। इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और एसिडिटी तथा अपच की समस्याएं दूर होती हैं। यह शरीर को निरोग बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तुलसी जल तनाव कम करता है, त्वचा को चमकदार बनाता है और शरीर में ताजगी लाता है।
आयुर्वेदाचार्य तुलसी जल बनाने का आसान तरीका बताते हैं: एक गिलास पानी में 10 से 15 ताज़ी तुलसी की पत्तियां डालें। इसे रात भर भिगो दें या सुबह 5-10 मिनट तक उबालें। उबालने के बाद ठंडा होने दें और छानकर पी लें। चाहें तो स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें थोड़ा शहद या नींबू मिला सकते हैं, लेकिन सादा ही सबसे फायदेमंद होता है। खाली पेट तुलसी जल पीने से अधिक लाभ होता है।
आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार, तुलसी जल प्राकृतिक तरीके से शरीर को मजबूत बनाता है। आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में इसे अपनाकर स्वास्थ्य को बेहतर रखा जा सकता है। ऐसे में वैद्य से सलाह लेकर इसे दिनचर्या में शामिल करना लाभकारी है।