क्या सबरीमाला सोना चोरी केस में ईडी की याचिका पर सुनवाई फिर टली?
सारांश
Key Takeaways
- ईडी की याचिका पर सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।
- एसआईटी ने ईडी की मांग का विरोध किया है।
- यह मामला पीएमएलए के अंतर्गत आता है।
- मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के करीबी लोग मामले में शामिल हैं।
- सुनवाई को लेकर न्यायालय का निर्णय महत्वपूर्ण होगा।
कोल्लम, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल के कोल्लम में स्थित विजिलेंस कोर्ट ने सबरीमाला सोना चोरी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा केस रिकॉर्ड उपलब्ध कराने संबंधी याचिका पर सुनवाई एक बार फिर स्थगित कर दी है। विशेष जांच दल (एसआईटी) की तरफ से लिखित आपत्तियां दायर करने के लिए अधिक समय मांगे जाने के कारण अदालत ने अगली सुनवाई 17 दिसंबर को निर्धारित की है।
ईडी ने अदालत में एफआईआर, रिमांड रिपोर्ट, आरोपियों के बयान और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की संभावित कड़ी की जांच आगे बढ़ सके। एजेंसी का कहना है कि यह मामला प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के अंतर्गत आता है, इसलिए वित्तीय लेनदेन की जांच करना और संबंधित संपत्तियों को अटैच करना उसकी कानूनी जिम्मेदारी है।
वहीं, एसआईटी ने ईडी की मांग का कड़ा विरोध किया है। जांच टीम का कहना है कि मामला अत्यधिक संवेदनशील है और इस चरण में दस्तावेज साझा करने से मुख्य जांच प्रभावित हो सकती है। इसलिए उन्होंने लिखित आपत्तियां दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
ईडी ने यह याचिका हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद दायर की थी। हाईकोर्ट की एक डिवीजन बेंच ने कहा था कि दस्तावेज उपलब्ध कराने पर फैसला सरकार का पक्ष सुनने के बाद ही किया जाना चाहिए।
सबरीमाला सोना चोरी मामले में एसआईटी अब तक त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड के दो पूर्व अध्यक्ष ए. पद्मकुमार और एन. वासु सहित बोर्ड के एक वर्तमान अधिकारी और मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को गिरफ्तार कर चुकी है। पद्मकुमार और वासु, दोनों मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के करीबी माने जाते हैं।
अदालत अब 17 दिसंबर को एसआईटी की आपत्तियों और ईडी की दलीलों पर विचार करने के बाद आगे का निर्णय करेगी।