दिल्ली में प्रदूषण पर सख्ती: क्या 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' नियम आज से लागू हो रहा है?

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दिल्ली में प्रदूषण पर सख्ती: क्या 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' नियम आज से लागू हो रहा है?

सारांश

दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' नियम लागू किया है। इस नियम के तहत केवल बीएस-6 मानक वाली गाड़ियां ही दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगी। जानिए इस नियम के पीछे की वजह और इसके प्रभाव के बारे में।

Key Takeaways

  • दिल्ली में 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' नियम लागू हुआ।
  • केवल बीएस-6 मानक वाली गाड़ियां ही प्रवेश कर सकेंगी।
  • कंस्ट्रक्शन मटीरियल ले जाने वाले ट्रकों पर बैन।
  • 126 चेकपॉइंट और 580 पुलिस कर्मियों की तैनाती।
  • वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य किया गया।

नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार के नए कदमों के अंतर्गत आज से 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' नियम लागू होगा।

इसके साथ ही, दिल्ली में बाहरी गाड़ियों के लिए केवल बीएस-6 मानक वाली गाड़ियों को प्रवेश की अनुमति होगी। कंस्ट्रक्शन मटीरियल ले जाने वाले ट्रकों पर भी प्रतिबंध जारी रहेगा। दरअसल, ग्रैप के नियमों के अनुसार निर्माण कार्य पर रोक लगी हुई है और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

राजधानी में प्रदूषण का स्तर काफी गंभीर है, जिसके चलते दिल्ली सरकार ने गाड़ियों से उत्पन्न प्रदूषण, धूल, कचरा और ट्रैफिक जाम को लक्षित करते हुए इमरजेंसी और दीर्घकालिक उपायों का एक व्यापक सेट प्रस्तुत किया है।

इससे पहले, पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सरकार कई पहलुओं पर कार्यरत है, क्योंकि नागरिक खतरनाक धुंध (स्मॉग) के संपर्क में हैं।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिरसा ने पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसीसी) प्रणाली में व्यापक बदलाव, थर्ड-पार्टी मॉनिटरिंग की शुरुआत, कार-पूलिंग ऐप का कार्यान्वयन, एकीकृत ट्रैफिक प्रबंधन सुधार और मशीनीकृत सड़क-सफाई उपकरणों की विस्तृत तैनाती की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पीयूसी सर्टिफिकेट जारी करने की प्रणाली में सुधार पर विचार कर रही है, क्योंकि मौजूदा केंद्र पुराने हो गए हैं और उनमें कई खामियां हैं। एक थर्ड-पार्टी मॉनिटरिंग प्रणाली लागू की जाएगी।

सिरसा ने बताया कि वाहन मालिकों के लिए बुधवार का दिन वैध पीयूसी सर्टिफिकेट प्राप्त करने की अंतिम तिथि थी। आज से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही, एएनपीआर कैमरे, पेट्रोल पंप पर वॉयस अलर्ट और पुलिस की तैनाती से नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

ईंधन प्रतिबंध को लागू करने के लिए दिल्ली में 126 चेकपॉइंट स्थापित किए गए हैं, जिसमें सीमा बिंदु भी शामिल हैं। इसके अलावा, 580 पुलिस कर्मियों और 37 प्रखर वैन को तैनात किया गया है।

परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम पेट्रोल पंप और सीमा चेकपॉइंट पर तैनात रहेगी। सिरसा ने नागरिकों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि दिल्लीवासियों से निवेदन है कि वे पेट्रोल पंप या चेकपॉइंट पर अधिकारियों से बहस न करें। यह कदम आपकी सेहत और आपके बच्चों के भविष्य के लिए आवश्यक है।

इसके अतिरिक्त, सरकार ने ट्रैफिक का बोझ कम करने के लिए सरकारी और निजी संस्थानों में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम को भी अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, दिल्ली सरकार लाइव डेटा का उपयोग करके ट्रैफिक जाम वाले हॉटस्पॉट की पहचान करने के लिए गूगल मैप्स और मैप इंडिया के साथ साझेदारी पर विचार कर रही है।

Point of View

जो न केवल स्थानीय निवासियों बल्कि पूरे देश के स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है। सरकार के नए नियमों का उद्देश्य स्थिति को सुधारना और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करना है।
NationPress
18/12/2025

Frequently Asked Questions

नो पीयूसी, नो फ्यूल नियम क्या है?
यह नियम दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए लागू किया गया है, जिसके तहत केवल वैध पीयूसी सर्टिफिकेट वाले वाहनों को ईंधन दिया जाएगा।
क्या सभी गाड़ियों को इस नियम का पालन करना होगा?
हां, सभी गाड़ियों को इस नियम का पालन करना होगा। केवल बीएस-6 मानक वाली गाड़ियां ही दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगी।
क्या नियम तोड़ने पर कोई सजा होगी?
जी हां, नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने ट्रैफिक कम करने के लिए क्या उपाय किए हैं?
सरकार ने सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम को अनिवार्य कर दिया है।
क्या यह नियम स्थायी है?
यह नियम अस्थायी रूप से लागू किया गया है, लेकिन यदि आवश्यक हुआ तो इसे स्थायी किया जा सकता है।
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