क्या केरल हाई कोर्ट ने विधायक राहुल मामकूटाथिल को राहत दी?

Click to start listening
क्या केरल हाई कोर्ट ने विधायक राहुल मामकूटाथिल को राहत दी?

सारांश

केरल हाईकोर्ट ने विधायक राहुल मामकूटाथिल को यौन उत्पीड़न मामले में राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 7 जनवरी तक रोक लगा दी है। यह फैसला इस मामले की विस्तृत सुनवाई से पहले का है, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति में क्या बदलाव आएगा, यह देखना दिलचस्प होगा।

Key Takeaways

  • राहुल मामकूटाथिल को हाईकोर्ट से राहत मिली है।
  • गिरफ्तारी पर रोक 7 जनवरी तक है।
  • मामले की सुनवाई जल्द होने वाली है।
  • राजनीतिक प्रभाव पर नज़र रखी जानी चाहिए।
  • पुलिस ने अधिकारों की सुरक्षा के लिए धाराएं जोड़ी हैं।

कोच्चि, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। यौन उत्पीड़न के मामलों में फंसे कांग्रेस से निष्कासित विधायक राहुल मामकूटाथिल को केरल हाईकोर्ट से अस्थायी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने गुरुवार को आदेश दिया कि 7 जनवरी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए। इसी दिन अदालत उनके खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न मामले की विस्तृत सुनवाई करेगी।

यह आदेश पालक्काड़ से विधायक मामकूटाथिल को पहले दी गई अंतरिम सुरक्षा का विस्तार है। इससे पहले 6 दिसंबर को हाईकोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण दिया था, जब मामलों के दर्ज होने के बाद वे गायब हो गए थे।

गुरुवार को अंतरिम राहत के बढ़ने से उन्हें फिलहाल राहत मिली है, जबकि अदालत नए साल की शुरुआत में मामले की गहन सुनवाई करेगी।

इसी बीच, तिरुवनंतपुरम की एक निचली अदालत ने पिछले सप्ताह दूसरे इसी तरह के मामले में भी अगली सुनवाई तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।

इन कानूनी घटनाक्रमों के बीच, मामकूटाथिल ने 15 दिनों के बाद बुधवार को अचानक सार्वजनिक रूप से सामने आकर 11 दिसंबर को हुए स्थानीय निकाय चुनाव में अपना वोट डाला। इससे उनके सार्वजनिक रूप से सामने आने को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगा।

वे शाम करीब 4.45 बजे पालक्काड़ के कुन्नाथुरमेडु स्थित सेंट सेबेस्टियन स्कूल पहुंचे और वार्ड 24 के बूथ नंबर 2 पर मतदान किया। इस दौरान उनके साथ कुछ समर्थक भी थे।

मतदान के बाद पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत में उन्होंने कहा कि मामला अदालत में है और इस पर अधिक टिप्पणी से इनकार किया। वहीं, मौके पर मौजूद सीपीआई-एम कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और बैनर दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया।

गौरतलब है कि 27 नवंबर को एक युवती द्वारा पहला यौन उत्पीड़न मामला दर्ज कराए जाने के बाद से मामकूटाथिल फरार थे। विवाद बढ़ने पर कांग्रेस ने पहले उन्हें निलंबित किया और बाद में दूसरे मामले के सामने आने पर पार्टी से निष्कासित कर दिया।

पिछले बुधवार को तिरुवनंतपुरम की प्रधान सत्र अदालत ने दूसरे मामले में उन्हें अग्रिम जमानत दी थी। इसके तहत सख्त शर्तें लगाई गईं, जिनमें जांच अधिकारी के समक्ष साप्ताहिक उपस्थिति अनिवार्य है। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि यदि उस मामले में उनकी गिरफ्तारी होती है तो उन्हें तुरंत जमानत पर रिहा किया जाए। हालांकि, अभियोजन पक्ष ने इस अग्रिम जमानत आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

पुलिस ने दोनों मामलों में पीछा करने (स्टॉकिंग), अवैध रूप से रोकने और आपराधिक अतिक्रमण जैसी धाराएं भी जोड़ी हैं। पुलिस का कहना है कि पहले मामले में मामकूटाथिल की औपचारिक गिरफ्तारी तभी हो सकेगी, जब हाईकोर्ट गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाएगा।

Point of View

यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि यौन उत्पीड़न के मामलों में न्याय की प्राप्ति महत्वपूर्ण है। हमें इस पर नजर रखनी चाहिए।
NationPress
18/12/2025

Frequently Asked Questions

राहुल मामकूटाथिल पर आरोप क्या हैं?
उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं।
हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर क्या आदेश दिया?
हाईकोर्ट ने 7 जनवरी तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
क्या यह मामला राजनीतिक प्रभाव डाल सकता है?
हां, इस मामले का राजनीतिक परिदृश्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
क्या राहुल मामकूटाथिल ने मतदान किया?
जी हां, उन्होंने हाल ही में स्थानीय निकाय चुनाव में मतदान किया।
पुलिस ने उनके खिलाफ क्या धाराएं लगाई हैं?
पुलिस ने पीछा करने, अवैध रूप से रोकने और आपराधिक अतिक्रमण जैसी धाराएं जोड़ी हैं।
Nation Press