क्या मणिपुर में डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है? 2025 में 2,343 पॉजिटिव केस और एक मौत दर्ज

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क्या मणिपुर में डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है? 2025 में 2,343 पॉजिटिव केस और एक मौत दर्ज

सारांश

मणिपुर में डेंगू के मामलों की तेजी से बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य अधिकारियों को चिंता में डाल दिया है। इस वर्ष अब तक 2,343 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिसमें बिश्नुपुर जिले में एक मौत भी शामिल है। जानें क्या कारण है इस प्रकोप का और अधिकारी क्या कर रहे हैं इसके नियंत्रण के लिए।

Key Takeaways

  • मणिपुर में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं।
  • इस वर्ष 2,343 पॉजिटिव केस दर्ज हुए हैं।
  • बिश्नुपुर जिले में एक मरीज की मृत्यु हो गई।
  • स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता अभियान शुरू किया है।
  • लोगों को मच्छरों से बचने की सलाह दी गई है।

इम्फाल, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर में सोमवार को 11 और लोगों के डेंगू से संक्रमित होने की पुष्टि के साथ, इस साल अब तक 2,343 लोग डेंगू से प्रभावित हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त, बिश्नुपुर जिले में डेंगू के कारण एक मरीज की मृत्यु हो गई।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष (2025) अब तक डेंगू पॉजिटिव मामलों में पिछले वर्ष (2024) की इसी अवधि की तुलना में 73.17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि इस वर्ष 1 जनवरी से 12 अक्टूबर के बीच 5,630 लोगों की जांच की गई, जिनमें से 2,343 पॉजिटिव मामलों की पुष्टि हुई।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि इस वर्ष डेंगू के मामलों में 990 की वृद्धि देखी गई है, जबकि 2024 में इसी अवधि में मणिपुर में 1,353 डेंगू मामले सामने आए थे।

मणिपुर के 16 जिलों में डेंगू के मामलों में वृद्धि हो रही है। सबसे अधिक मामले इम्फाल वेस्ट में 1,686 दर्ज हुए, इसके बाद इम्फाल ईस्ट में 365, बिश्नुपुर में 69, थौबल में 63, सेनापति में 45 और काकचिंग में 37 मामले सामने आए हैं।

सबसे प्रभावित क्षेत्र इम्फाल वेस्ट, इम्फाल ईस्ट, बिश्नुपुर और थौबल हैं, जो घनी आबादी वाले इम्फाल घाटी क्षेत्र में स्थित हैं, जबकि सेनापति और काकचिंग पहाड़ी क्षेत्रों में हैं। डेंगू से संबंधित एकमात्र मृत्यु बिश्नुपुर जिले में हुई है।

अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं, जिससे घाटी और पहाड़ी इलाकों में चिंता बढ़ गई है।

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि लंबे समय तक मॉनसून की बारिश और रुके हुए पानी के कारण डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छरों के लिए अनुकूल स्थिति बन रही है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने मच्छरों पर नियंत्रण के लिए फॉगिंग और जागरूकता अभियान तेज कर दिए हैं।

अधिकारियों और शहरी विकास विभाग ने लोगों से अपने आसपास की सफाई रखने, रुके हुए पानी को हटाने और मच्छर भगाने वाली चीजों व जालियों का उपयोग करने की अपील की है।

अधिकारियों ने सलाह दी है कि बुखार, शरीर में दर्द या चकत्ते जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि जटिलताओं से बचा जा सके।

Point of View

यह स्पष्ट है कि मणिपुर में डेंगू का प्रकोप एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बनता जा रहा है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। यह विषय न केवल मणिपुर तक सीमित है, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है।
NationPress
13/10/2025

Frequently Asked Questions

डेंगू क्या है?
डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है।
डेंगू के लक्षण क्या हैं?
डेंगू के सामान्य लक्षणों में बुखार, शरीर में दर्द, और चकत्ते शामिल हैं।
डेंगू से कैसे बचा जा सकता है?
डेंगू से बचने के लिए मच्छरों को भगाने वाली वस्तुएं उपयोग करें और आसपास की सफाई रखें।
डेंगू का इलाज कैसे किया जाता है?
डेंगू का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों का इलाज किया जा सकता है।
क्या डेंगू घातक हो सकता है?
जी हां, यदि सही समय पर इलाज न किया जाए, तो डेंगू गंभीर हो सकता है।