क्या ईईपीसी इंडिया ने एमटीटी नियमों में ढील देने के आरबीआई के फैसले का स्वागत किया?

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क्या <b>ईईपीसी इंडिया</b> ने <b>एमटीटी</b> नियमों में ढील देने के <b>आरबीआई</b> के फैसले का स्वागत किया?

सारांश

ईईपीसी इंडिया ने एमटीटी नियमों में ढील देने के आरबीआई के हालिया फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे छोटे निर्यातकों और खुदरा विक्रेताओं के लिए व्यापार करना आसान होगा। यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा।

Key Takeaways

  • आरबीआई द्वारा एमटीटी नियमों में ढील दी गई है।
  • छोटे निर्यातकों के लिए अनुपालन बोझ कम होगा।
  • यह कदम व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा।
  • बिजनेस करने में फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ेगी।
  • भारतीय रुपए को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने में मदद मिलेगी।

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी इंडिया) ने मर्चेंटिंग ट्रेड ट्रांजैक्शन (एमटीटी) नियमों में ढील देने के आरबीआई के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम विशेषकर छोटे निर्यातकों और खुदरा विक्रेताओं के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार करेगा।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विदेशी मुद्रा खर्च की अवधि को चार महीनों से बढ़ाकर छह महीने करने के साथ-साथ एमटीटी नियमों को सरल बनाया है, जो कि 1 अक्टूबर, 2025 से लागू होगा।

केंद्रीय बैंक ने 10 लाख रुपए प्रति बिल तक के लेनदेन के लिए एक्सपोर्ट डेटा प्रोसेसिंग एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (ईडीपीएमएस) और इंपोर्ट डेटा प्रोसेसिंग एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (आईडीपीएमएस) में प्रविष्टियों को समय पर बंद करने की प्रक्रिया को भी आसान बनाया है।

ईईपीसी इंडिया ने कहा कि इस निर्णय से छोटे निर्यातकों के लिए अनुपालन बोझ काफी कम होगा और व्यापारियों को अधिक फ्लेक्सिबिलिटी प्राप्त होगी।

ईईपीसी के अध्यक्ष पंकज चड्ढा ने कहा, "आरबीआई द्वारा प्रस्तुत सुधार ईईपीसी इंडिया की लंबे समय से पेंडिंग मांग थी। इस कदम से एमएसएमई निर्यातकों के लिए अनुपालन बोझ कम होगा और व्यापारियों के लिए प्रक्रियात्मक फ्लेक्सिबिलिटी सुनिश्चित होगा।"

नए नियम के अंतर्गत, ईडीपीएमएस और आईडीपीएमएस में 10 लाख रुपए तक के मूल्य की प्रविष्टियों (आउटस्टैंडिंग प्रविष्टियों सहित) का मिलान और समापन संबंधित निर्यातक द्वारा दी गई घोषणा के आधार पर किया जा सकता है कि राशि प्राप्त हो गई है या आयातक द्वारा कि राशि का भुगतान कर दिया गया है।

शिपिंग बिलों या प्रवेश बिलों के घोषित मूल्य या चालान मूल्य में किसी भी प्रकार की कमी को भी संबंधित निर्यातक या आयातक द्वारा की गई घोषणा के आधार पर स्वीकार किया जाएगा।

आरबीआई ने हाल ही में व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य कदम उठाए हैं, जिनमें सीमा पार व्यापार के निपटान में भारतीय रुपए (आईएनआर) को बढ़ावा देना शामिल है। यह प्रमुख व्यापारिक साझेदारों की मुद्राओं के मुकाबले रुपए के लिए एक रेफरेंस रेट सेट करता है।

चड्ढा ने कहा कि इन सभी उपायों से व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही भारतीय रुपए को धीरे-धीरे वैश्विक स्तर पर मजबूत करने में भी मदद मिलेगी।

Point of View

आरबीआई का यह सुधार न केवल छोटे निर्यातकों के लिए, बल्कि पूरे व्यवसायिक क्षेत्र के लिए लाभकारी साबित होगा। यह कदम भारतीय आर्थिक क्षेत्र को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा।
NationPress
04/10/2025

Frequently Asked Questions

आरबीआई ने एमटीटी नियमों में क्या बदलाव किया है?
आरबीआई ने विदेशी मुद्रा व्यय की अवधि को चार महीने से बढ़ाकर छह महीने किया है और एमटीटी नियमों को सरल बनाया है।
इस फैसले से छोटे निर्यातकों को कैसे लाभ होगा?
इस फैसले से छोटे निर्यातकों के लिए अनुपालन बोझ कम होगा और उन्हें व्यापार में अधिक फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी।