क्या कोल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत हुई?

सारांश
Key Takeaways
- मध्य प्रदेश में बच्चों की मृत्यु का मामला गंभीर है।
- कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- जांच के परिणामों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- दवाइयों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
- बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
भोपाल, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप के सेवन से बच्चों की हुई दुखद मौत के मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने इस घटना के लिए जिम्मेदार कोल्ड्रिफ कफ सिरप को पूरे राज्य में प्रतिबंधित करने की घोषणा की है।
हाल ही में छिंदवाड़ा में कई बच्चे बुखार और सर्दी-खांसी से ग्रसित थे। इनमें से 9 बच्चों की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई, जिसके पीछे कफ सिरप को मुख्य कारण बताया गया। इसी आधार पर मुख्यमंत्री ने यह बैन लगाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छिंदवाड़ा में बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। उन्होंने निर्देश दिया है कि इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्य प्रदेश में प्रतिबंधित किया जाए। सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य उत्पादों की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में स्थित है, इसलिए राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार से जांच के लिए अनुरोध किया था। आज सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है और इसके आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई जारी है और राज्य स्तर पर भी जांच के लिए एक टीम बनाई गई है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
राज्य के स्वास्थ्य परिवार कल्याण और उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि लगभग 12 प्रकार की दवाइयों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। अभी 3 दवाइयों के सैंपल की जांच रिपोर्ट आई है, जिनमें किसी भी प्रकार के ऐसे तत्व नहीं मिले हैं, जिससे यह कहा जा सके कि मृत्यु इन दवाइयों के कारण हुई है। बाकी दवाइयों के सैंपल की रिपोर्ट जल्द ही आने की उम्मीद है। रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह कफ सिरप के कारण हुआ या अन्य दवाइयों के कारण।