क्या प्रियंका गांधी ने वायनाड भूस्खलन प्रभावितों की मदद के लिए केंद्र सरकार से 2,221 करोड़ रुपए मांगे?

सारांश
Key Takeaways
- भूस्खलन प्रभावितों के लिए मदद की आवश्यकता है।
- राजनीतिक दृष्टिकोण से परे मानवता की भलाई को प्राथमिकता दें।
- केंद्र सरकार को उचित राहत राशि स्वीकृत करनी चाहिए।
- स्थानीय जनता की स्थिति दयनीय है।
- राहत और पुनर्वास का कार्य राजनीति से ऊपर होना चाहिए।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने केरल के वायनाड जिले में 2024 में आए भूस्खलन के संदर्भ में केंद्र सरकार द्वारा राहत राशि की कमी पर विरोध दर्ज किया है। उन्होंने इस मुद्दे को राजनीति से ऊपर उठाकर मानवता के दृष्टिकोण से देखने का आग्रह किया है।
प्रियंका गांधी ने अपने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में उल्लेख किया कि वायनाड के लोगों ने इस भूस्खलन में अपने घर, जीवनयापन के साधन और प्रियजनों को खो दिया है। केरल सरकार ने इस त्रासदी से उबरने के लिए 2,221 करोड़ रुपए की मदद मांगी थी, लेकिन केंद्र सरकार ने केवल 260 करोड़ रुपए मंजूर किए, जो कि बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि वायनाड के लोग प्रधानमंत्री के आने के बाद मदद की आशा कर रहे थे, लेकिन उन्हें निराशा ही मिली। प्रियंका ने यह स्पष्ट किया कि राहत और पुनर्वास का कार्य राजनीति से परे होना चाहिए। मानव पीड़ा को राजनीतिक अवसर के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
प्रियंका ने आगे कहा कि वायनाड के लोग न्याय, समर्थन और सम्मान के हकदार हैं। इस कठिन समय में, जब वे अपने जीवन को फिर से संवारने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें पूरी सहायता मिलनी चाहिए, न कि उपेक्षा।
केरल के वायनाड में आए भूस्खलन ने हजारों लोगों की जिंदगी को बदल दिया था। घर तबाह हुए, खेती प्रभावित हुई और कई लोगों ने अपनी जान गवाई। इस आपदा ने स्थानीय जनता की स्थिति को अत्यंत दयनीय बना दिया।
कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत 260 करोड़ रुपए की राशि वायनाड के लिए अपर्याप्त है। प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार से पुनर्विचार करने और उचित राहत राशि स्वीकृत करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में मानवता की जीत होनी चाहिए, न कि राजनीति की। प्रियंका ने अपने 'एक्स' पोस्ट के अंत में लिखा, "राहत और पुनर्वास को राजनीति से ऊपर उठाना चाहिए। मानवीय पीड़ा को राजनीतिक अवसर नहीं माना जा सकता।"