क्या जीएसटी सुधारों से एमएसएमई में ग्रोथ और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे?

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क्या जीएसटी सुधारों से एमएसएमई में ग्रोथ और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे?

सारांश

क्या जीएसटी सुधारों से एमएसएमई में ग्रोथ और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे? हालिया सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी दरों में कमी से स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और विशेष रूप से महिलाओं और ग्रामीण उद्यमियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। जानिए कैसे ये सुधार देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं।

Key Takeaways

  • जीएसटी दरों में कमी से एमएसएमई को लाभ होगा।
  • महिलाओं और ग्रामीण उद्यमियों के लिए नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
  • स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में लाभ होगा।
  • आर्थिक समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।

नई दिल्ली, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑटोमोबाइल, खाद्य प्रसंस्करण, परिधान, लॉजिस्टिक्स और हस्तशिल्प पर जीएसटी की दरों में कमी से आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूती मिलेगी और स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके साथ ही, विशेष रूप से महिलाओं, ग्रामीण उद्यमियों और अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न होंगे। यह जानकारी सरकार की ओर से साझा की गई है।

उदाहरण के लिए, दोपहिया वाहनों, कारों, बसों और ट्रैक्टरों पर कम जीएसटी से मांग में वृद्धि होगी, जिससे टायर, बैटरी, कांच, प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में एमएसएमई को लाभ मिलेगा।

किफायती साइकिलें गिग वर्कर्स, किसानों और ग्रामीण व्यापारियों के लिए सहायक साबित होती हैं और सस्ती कारें छोटे शहरों में एमएसएमई और डीलरशिप के लिए लाभकारी साबित होती हैं।

ट्रैक्टरों (1800 सीसी से कम) पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत करने से भारत की वैश्विक ट्रैक्टर निर्माण में अग्रणी स्थिति की मजबूती होगी और सहायक एमएसएमई को समर्थन मिलेगा। वाणिज्यिक मालवाहक वाहनों (ट्रक, डिलीवरी वैन) पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे माल ढुलाई, रसद लागत, और मुद्रास्फीति का दबाव कम हुआ है और एमएसएमई ट्रक मालिकों को लाभ हुआ है।

बसों (10+ सीटों वाली) पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे बेड़े संचालकों और स्कूलों की लागत कम हुई है और श्रमिकों के लिए किराया वहनीयता में सुधार हुआ है।

अधिकांश खाद्य पदार्थों पर जीएसटी 12 प्रतिशत/18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत या शून्य कर दिया गया है, जिससे खाद्य प्रसंस्करण, लघु-स्तरीय प्रसंस्करणकर्ताओं, क्षेत्रीय ब्रांडों, डेयरी सहकारी समितियों, पैकेजिंग और कोल्ड स्टोरेज से जुड़े एमएसएमई को लाभ होगा।

इसके अलावा, चॉकलेट, केक और कन्फेक्शनरी पर जीएसटी कम होने से छोटे मिठाई निर्माताओं की बिक्री में वृद्धि होगी। दूध और पनीर पर जीएसटी शून्य होने, मक्खन और घी पर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से डेयरी क्षेत्र को लाभ मिलेगा। इसके परिणामस्वरूप किसान, स्वयं सहायता समूह, और महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को फायदा होगा, जिससे पोषण सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। दूध के डिब्बों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।

मानव निर्मित रेशों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे उल्टे शुल्क ढांचे में सुधार हुआ है और एमएसएमई वस्त्र निर्माताओं और निर्यातकों के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि हुई है।

अब 2,500 रुपए तक के रेडीमेड गारमेंट्स पर जीएसटी 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे टियर-2/3 शहरों में मांग बढ़ेगी और श्रम-प्रधान परिधान इकाइयों, खासकर महिलाओं को लाभ होगा।

चमड़े के उत्पादों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत (2,500 रुपए प्रति जोड़ी से कम) कर दिया गया है, जिससे फुटवियर निर्माण क्षेत्र के एमएसएमई को लाभ होगा।

सीमेंट पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे आवास की लागत कम होगी और पीएमएवाई को समर्थन मिलेगा, जिससे खनन, विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स में नौकरियों को बढ़ावा मिलेगा।

कृषि आधारित लकड़ी के उत्पादों (जैसे चावल की भूसी की बोर्ड, बांस की फर्श) पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे एमएसएमई लकड़ी उत्पाद इकाइयों को सहायता मिलेगी।

जीएसटी की कम दरों ने आवश्यक वस्तुओं, कच्चे माल और सेवाओं को अधिक किफायती बना दिया है, जिससे छोटे और मध्यम उद्यमों और स्टार्ट-अप्स को अपने परिचालन का विस्तार करने, नवाचार में निवेश करने और घरेलू और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रोत्साहन मिला है।

सरकार ने कहा कि ये सुधार विनिर्मित वस्तुओं, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों, परिधानों और यहां तक कि पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को कम लागत पर सुलभ बनाकर महिला-नेतृत्व वाले और श्रम-प्रधान उद्योगों को समर्थन प्रदान करते हैं, जिससे शहरी निर्माताओं के साथ-साथ ग्रामीण, अर्ध-शहरी और अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के आर्थिक समावेशन को बढ़ावा मिलता है।

Point of View

जीएसटी सुधारों का यह कदम देश के छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है। यह न केवल आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि महिलाओं और ग्रामीण उद्यमियों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा। सरकार की इस पहल से देश भर में आर्थिक समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
NationPress
14/09/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी सुधारों का एमएसएमई पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
जीएसटी सुधारों से एमएसएमई के लिए लागत में कमी और प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी, जिससे नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
क्या महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे?
हां, जीएसटी सुधारों के माध्यम से विशेष रूप से महिलाओं और ग्रामीण उद्यमियों के लिए नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
स्थानीय विनिर्माण को कैसे बढ़ावा मिलेगा?
कम जीएसटी दरों से स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे आपूर्ति श्रृंखलाओं में सुधार होगा।
किस क्षेत्रों को सबसे ज्यादा लाभ होगा?
ऑटोमोबाइल, खाद्य प्रसंस्करण, और परिधान जैसे क्षेत्रों को सबसे अधिक लाभ होगा।
क्या यह सुधार दीर्घकालिक प्रभाव डालेंगे?
जी हां, ये सुधार दीर्घकालिक प्रभाव डालेंगे और आर्थिक विकास को गति देंगे।