क्या पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी हम पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेल रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच पर जनभावनाएं महत्वपूर्ण हैं।
- उदित राज ने शहीदों के परिवारों की चिंता को उठाया।
- राजनीतिक मुद्दों के साथ खेल का जुड़ाव सही नहीं है।
नई दिल्ली, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एशिया कप में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर राजनीति का माहौल गरम हो गया है। कांग्रेस नेता उदित राज ने इस मैच का विरोध करते हुए सरकार से सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान मैच का विरोध हर जगह हो रहा है और शहीद शुभम के परिवार ने भी सरकार से पूछा है कि आतंकी हमले के बाद भी पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच क्यों खेला जा रहा है?
कांग्रेस नेता उदित राज ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर देश भर में विरोध-प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। हालांकि, यह मामला केंद्रीय गृह मंत्री के बेटे से जुड़ा हुआ है और जो सरकार चाहेगी, वही होगा। शहीद शुभम की पत्नी ने भी पूछा है कि 26 लोगों को शहीद कर दिया गया और जिनकी वजह से उनकी जानें गईं, अब उसी देश के साथ क्रिकेट खेला जा रहा है। मैं पूछता हूं कि यह मैच किस खुशी में खेला जा रहा है?"
उन्होंने कहा, "क्या बीसीसीआई देश की जनभावनाओं से ऊपर है? यदि यही काम विपक्ष की सरकार ने किया होता तो पूरे देश में आंदोलन होता। हिंदू-मुस्लिम नैरेटिव गढ़ने का काम किया जाता। पहलगाम आतंकी हमले में जिन 26 लोगों की हत्या कर दी गई, उनके परिवार के सदस्य क्या सोच रहे होंगे?''
उदित राज ने सवाल उठाते हुए कहा, "सबसे अहम बात यह है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' जारी है, जो बताता है कि पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध अभी भी नहीं सुधरे हैं। यह कमाल की बात है कि खून भी बह रहा है और क्रिकेट भी हो रहा है। मैं इस कदम को तानाशाही रवैया मानता हूं।"
कांग्रेस नेता उदित राज ने रामभद्राचार्य के 'बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर' को लेकर दिए बयान पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "वे हमेशा आरक्षण के खिलाफ बोलते हैं। इतना ही नहीं, वे ब्राह्मणों पर भी सवाल उठाते हैं और अब वे पश्चिमी यूपी को मिनी पाकिस्तान बता रहे हैं। मुझे लगता है कि उन्हें ज्यादा तूल देने की जरूरत नहीं है।"